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नया फाइनेंशियल ईयर शुरू हो चुका है और अब लोग निश्चिंत हो गए हैं कि उन्हें टैक्स के पेपर वर्क से लेकर दूसरी टेंशन नहीं लेनी होगी. लेकिन हमें अपनी पिछली गलतियों को नहीं दोहराना चाहिए. जी हां, पिछली गलतियां जो टैक्स रिटर्न भरने की तारीख के नजदीक आते ही शुरू हो जाती है. और ऐंन वक्त पर टैक्स प्लानिंग और पेपर वर्क शुरू कर देते हैं.
धन की बात के इस एपिसोड में आज हम इसी बात पर चर्चा करेंगे कि कैसे फाइनेंशियल और टैक्स प्लानिंग पहले ही कर लेना जरूरी है और इसके क्या फायदा आने वाले वक्त में आपको मिलेंगे.
सबसे पहले अपना लक्ष्य तय करें. इसके बाद टैक्स की प्लानिंग. अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं तो ELSS को चुनें. छोटी अवधि के लिए RD और पांच साल तक की FD में भी टैक्स में छूट मिलती है.
इसके अलावा आप लाइफ इंश्योरेंस और रिटायरमेंट प्लान भी ले सकते हैं जिसमें आपको टैक्स में छूट मिलेगी. लोगों को इस बात की जानकारी कम है कि म्यूचुअल फंड्स के कई रिटायरमेंट प्लान में टैक्स बेनिफिट मिलता है.
ज्यादातर लोग जनवरी फरवरी से टैक्स की प्लानिंग शुरू करते हैं. ये गलती आपको नहीं करनी है. इससे फाइनेंशियल ईयर के अंत में आपको कोई दिक्कत नहीं होगी.
सवाल: 28 साल के मयंक लखवानी ने हमें सवाल भेजा है कि उनको 55 साल की उम्र में रिटायरमेंट चाहिए और इस दौरान उनके पास कम से कम 1-2 करोड़ रुपये होने चाहिए. इसके लिए उन्हें SIP करनी चाहिए या LUMP SUM?
जवाब: मयंक जी, अगर आपके पास पैसें हैं तो आप उन्हें LUMP SUM निवेश कर सकते हैं. अगर नहीं, तो SIP के जरिए निवेश ही सही तरीका है. अगर आप व्यापारी हैं तो जब भी आपको मुनाफा हो तो उसकी कुछ रकम निकालकर STP करें. आप लंबे समय के लिए इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं और जितना ज्यादा हो उतना निवेश करें. एक बात ध्यान जरूर रखिएगा कि हर साल अपनी SIP की रकम को 10% जरूर बढ़ाएं.
फाइनेंशियल प्लानिंग से लेकर टैक्स से जुड़े सवाल आप भी हमें भेज सकते हैं. हमारी ईमेल आईडी है dhankibaat@thequint.com
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