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दिल्ली के रामलीला मैदान में रविवार को आयोजित धर्म सभा में देश भर से यहां हजारों की तादाद में पहुंचे संतों, भगवान राम के अनुयायियों और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए केन्द्र सरकार से कानून बनाने की मांग की. धर्म सभा की अध्यक्षता करते हुए आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा, "राम मंदिर के लिए दिल्ली में उमड़े जनसैलाब ने इतिहास रच दिया है. राम हिन्दू समाज के लिए मुक्ति मंत्र और चेतना है. राम मंदिर के लिए एकजुट हुई इन भावनाओं को शासन और न्यायालय को समझ कर आदर करना होगा.
इस धर्मसभा में शामिल होने के लिए कई राज्य के लोग आए थे. इनमें से कई का कहना था कि उन्हें फिलहाल विकास से ज्यादा जरूरत राम मंदिर की है.
यहां पर कुछ लोग बीजेपी से काफी खफा भी नजर आए. उन लोगों का कहना है कि राम मंदिर के नाम पर आई सरकार ने साढ़े चार साल में सिर्फ दिलासा दिया है, लेकिन इस बार उन्हें वचन चाहिए. कुछ लोग तो यहां तक बोल गए कि अगर सुप्रीम कोर्ट उनकी भावना के साथ खिलवाड़ करेगा तो वो हथियार उठा लेंगे.
मोदी सरकार को दो टूक चेतावनी देते हुए महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद महाराज ने कहा कि हम किसी की चापलूसी नहीं करते. अगर मंदिर नहीं बना तो राम भक्त चुप नहीं बैठेंगे. उन्होंने कहा कि अगर बीजेपी पर यह आरोप लगता है कि वह चुनाव के दौरान ही राम मंदिर का मुद्दा उठाती है, तो दूसरे दलों को मंदिर निर्माण में सहयोग कर इस मुद्दे को ही समाप्त कर देना चाहिए.
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