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वीडियो एडिटर- पूर्णेंदु प्रीतम
कैमरा- अभय शर्मा
एक्टर- जयवर्धन चन्ने
“आपको तीन तरह के हालात में बैंक से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग मिल सकता है. या तो आप बीजेपी में किसी को जानते हों, कांग्रेस में किसी को जानते हों या बैंक के किसी अफसर या कर्मचारी से आपकी पहचान हो.” ये कहना है जसप्रीत सिंह(बदला हुआ नाम) का. जसप्रीत, दिल्ली में ज्वेलरी का कारोबार करते हैं. ये उनका पुश्तैनी धंधा है जिसे वो बीते 35 साल से चला रहे हैं.
नीरव मोदी और मामा मेहुल चोकसी, शायद इन तीनों ही जगहों पर लोगों को जानते थे. वरना 12, 600 करोड़ का LoU पाना इतना आसान नहीं होता. वो भी बिना जरूरी बैंक नियमों का पालन किए हुए. हुआ कुछ भी हो, सच ये है कि देश के आम करदाताओं के 12, 600 करोड़ रुपये डूबने दिए गए.
कहने को ये अपनी तरह का पहला फर्जीवाड़ा था जिसपर से पंजाब नेशनल बैंक ने खुद पर्दा हटाया लेकिन हीरा कारोबार से जुड़े लोगों के लिए इसमें चौंकाने वाला कुछ नहीं था.
जसप्रीत सिंह के मुताबिक हर चीज आपसी भरोसे और नकदी पर चलती है. वो कहते हैं कि नीरव मोदी ने जो किया वो हीरा कारोबार में कोई नई चीज नहीं है. लेकिन बहुत कम ऐसे लोग हैं जिन्हें इतनी आसानी से LoU मिल पाता हो.
जहां सियासत या बैंक में दखल रखने वाले किसी शख्स को बहुत जल्द LoU मिल जाता है, वहीं एक आम आदमी को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग पाने के लिए कई रुकावटें पार करनी पड़ती हैं.
अब जरा आम आदमी को LoU मिलने की तुलना नीरव मोदी-मेहुल चोकसी से कर के देखिए. सिर्फ 2017-18 में पंजाब नेशनल बैंक से दोनों के नाम 293 LoU जारी किए गए जिनकी कुल कीमत थी- 12, 600 करोड़. ये LoU बैंक की क्रेडिट सीमा से कहीं ज्यादा थे जो बिना किसी मार्जिन या सिक्योरिटी के जारी कर दिए गए.
नीरव मोदी, राजनीतिक और कॉर्पोरेट गलियारों में पहुंच रखते हैं, ये कोई नई जानकारी नहीं है. हीरा कारोबारी जसप्रीत के मुताबिक नीरव के लिए LoU हासिल करना काफी आसान रहा होगा.
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