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अजमल आमिर कसाब 26/11 के उन आतंकियों में से था, जिन्होंने सैकड़ों लोगों का नरसंहार किया. कसाब को फांसी की सजा मिली थी. फरहाना शाह उन वकीलों में से थीं, जिन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में कसाब का बचाव किया.
वह उन कई वकीलों में से हैं, जो आतंकवाद के आरोपियों की पैरवी करते हैं. फरहाना की तरह इस तरह के तमाम वकीलों के लिए यह काफी मुश्किल काम है. उनको 'आतंकियों का वकील' तक कहा जाता है. उनका बार एसोसिएशन से बॉयकॉट कर दिया जाता है. यहां तक की उन पर हमले भी होते हैं.
26/11 की बरसी पर क्विंट पेश कर रहा है एक डॉक्युमेंट्री, जिसमें कुछ ऐसे ही वकील अपने अनुभव साझा कर रहे हैं और बता रहे हैं अपने प्रोफेशन की कहानी.
कैमरा: संजॉय देब
वीडियो एडिटर: कुणाल मेहरा
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