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दिल्ली की तीन सीमाओं सिंघु, टिकरी और गाजीपुर पर किसान काफी समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे इस प्रदर्शन को लेकर अब केंद्र सरकार ने इन तीन सीमाओं पर किलेबंदी शुरू कर दी है. बैरिकेडिंग के अलावा, कटीली तार और बड़े बड़े कीले लगाए गए हैं. कुछ जगह पर सड़कें भी खोद दी गई हैं. दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार की इस कार्रवाई और किसान प्रदर्शन को लेकर क्विंट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम से बातचीत की.
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री चिदंबरम ने कहा कि 'केंद्र सरकार किसानों के साथ वैसा व्यवहार कर रही है, जैसा चीन भारत सरकार के साथ कर रहा है.'
चिदंबरम ने कहा कि ऐसा ही भारत सरकार किसानों के साथ कर रही है कि नौ राउंड की बातचीत हो गई लेकिन एक इंच पीछे नहीं होंगे.
ये सवाल लगातार उठ रहा है कि सिंघु, टिकरी और गाजीपुर सीमाओं पर बैरिकेडिंग और सुरक्षा इंतजाम किस आदेश या SOP के तहत किए गए हैं. इस पर पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि 'SOP बिलकुल है लेकिन ये सरकार उसके बारे में सोचती कहां है.'
चिदंबरम ने पूछा कि क्या 'एक 80 साल का व्यक्ति देश के लिए खतरा है'. उन्होंने कहा, "ये पूरी तरह अलोकतांत्रिक है. ये फांसीवादी बर्ताव है. ऐसा एक फांसीवादी सरकार की पुलिस ही करेगी."
चिदंबरम ने कहा कि अगर मान भी लिया जाए कि कृषि कानून 'अच्छे इरादे, संसद में बातचीत और व्यापक सलाह-मशविरा' के बाद पास किए गए थे, तो जब किसानों को वो चाहिए ही नहीं तो उन्हें वापस क्यों नहीं लिया जाता है.
पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि 'सरकार अगर किसानों को विश्वास दिला लेती है कि ये कानून अच्छे हैं, तो यही कानून दोबारा पास करा ले.' चिदंबरम ने कहा, "पता नहीं सरकार जिद्दी क्यों बन रही है. अगर किसान कोई क्लॉज बदलवाना चाहते हैं तो उसे बदल कर दूसरा कानून पास हो सकता है."
कांग्रेस नेता ने कहा कि अब किसान प्रदर्शन का जिक्र अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी हो रहा है क्योंकि सिर्फ पॉपस्टार रिहाना ही नहीं, क्लाइमेट चेंज एक्टिविस्ट ग्रेटा थन्बर्ग ने भी इसके समर्थन में ट्वीट किया है.
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