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कृषि कानूनों के खिलाफ सैकड़ों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 122 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. किसान लगातार सरकार से मांग कर रहे हैं कि कृषि कानूनों को रद्द कर एमएसपी को लेकर कानून बनाया जाए. अब सयुंक्त किसान मोर्चा ने होली से एक दिन पहले होलिका दहन में तीन कृषि कानूनों की प्रतियां जलाई. दिल्ली की सीमाओं पर लगे किसानों के टेंटों पर किसानों ने कृषि कानूनों को किसान और जनता विरोधी करार देते हुए होली मनाई. किसानों ने इसे बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार मानते हुए कहा कि इन कानूनों को रद्द करना ही पड़ेगा और MSP पर कानून बनाना ही पड़ेगा.
संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कहा गया कि, बीते 18 मार्च को हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के भारी विरोध के बावजूद एक ऐसा विधेयक पारित किया गया है जिसका उद्देश्य आंदोलन और आंदोलन करने वालों को दबाना है. " हरियाणा लोक व्यवस्था में विघ्न के दौरान संपत्ति क्षति वसूली विधायक 2021" के शीर्षक से पारित इस बिल में ऐसे खतरनाक प्रावधान हैं जो निश्चित रूप से लोकतंत्र के लिए घातक सिद्ध होंगे. सयुंक्त किसान मोर्चा इस कानून की कड़ी निंदा व विरोध करता है. यह कानून इस किसान आंदोलन को खत्म करने और किसानों की जायज मांगो से भागने के लिए लाया गया है.
ऐसा कानून उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भी बनाया है और इसका बड़े पैमाने में दुरुपयोग हुआ है, किसानों ने कहा कि, ये एक घोर तानाशाही का कदम है और वर्तमान शांतिपूर्ण किसान आंदोलन के खिलाफ इसका दुरुपयोग किया जाना निश्चित है. हम इसका कड़ा विरोध करते हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि, सरकार द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से MSP और PDS व्यवस्था खत्म करने के कई प्रयास किये जा रहे हैं. पिछले कई सालों से FCI के बजट में कटौती की जा रही है. हाल ही में FCI ने फसलों की खरीद प्रणाली के नियम भी बदले. सयुंक्त किसान मोर्चा की आम सभा मे यह तय किया गया है कि आने वाली 5 अप्रैल को FCI बचाओ दिवस मनाया जाएगा. इसके तहत देशभर में FCI के दफ्तरों का सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक घेराव किया जाएगा. हम किसानों व आम जनता से अपील करते है कि यह अन्न पैदा करने वालो और अन्न खाने वालों दोनों के भविष्य की बात है इसलिए इस दिन इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लें.
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