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वीडियो एडिटर: प्रशांत चौहान
ब्रह्मपुत्र नदी असम को दो भागों में बांटती है, अपने 891 किलोमीटर के सफर में, ये बाढ़, तबाही, विनाश और निर्माण करती है. ब्रह्मपुत्र नदी पर करीब 2,500 द्वीप हैं और इन द्वीपों पर लगभग 30 लाख लोग रहते हैं. तो ऐसे में, क्या होता है जब ये लोग बीमार पड़ते हैं या परिवार में किसी की तबियत खराब होती है.
उन्हें अस्पताल जाने या डॉक्टर के पास पहुंचाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता है, या कभी-कभी अस्पताल ही नाव पर उनके पास पहुंच जाता है
सेंटर फॉर नॉर्थ-ईस्ट स्टडीज एंड पॉलिसी रिसर्च ने 2006 में असम के डिब्रूगढ़ जिले में पहला बोट क्लीनिक शुरू किया था. आज ब्रह्मपुत्र में 15 बोट क्लीनिक हैं, जो असम के 13 जिलों में लाखों लोगों को सेवाएं देते हैं. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन या एनएचआरएम बोट क्लीनिक प्रोग्राम के लिए फंड देता है.
मोरीगांव बोट क्लीनिक के मेडिकल ऑफिसर डॉ. अशरफुल इस्लाम कहते हैं कि स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के लिए ब्रह्मपुत्र को पार करना मुश्किल है. अस्पतालों में एसी कमरों में बैठे लोगों के लिए ये बहुत आसान है, जो हम कर रहे हैं उससे.
जैसे ही नाव पहले ’चार’ या द्वीप पर पहुंचती है, कुछ गर्भवती महिलाएं और मांएं पहले से ही अपने बच्चों के साथ इंतजार कर रही होती हैं. इस क्लीनिक में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर काफी ध्यान दिया जाता है. पास के गांव से मांएं अपने बच्चों को लाती हैं, वे इस नोट क्लीनिक में आते हैं, डॉक्टर उनकी जांच करते हैं और बच्चे का स्वास्थ्य देखते हैं. बच्चों को टीका लगाया जाता है और लगभग 5 साल तक के बच्चों की यहां निगरानी की जाती है.
बोट क्लीनिक केवल मरीजों के इलाज के लिए ही नहीं है, डॉक्टरों और तकनीशियनों ने ग्रामीणों और मरीजों में जागरूकता पैदा करने के लिए भी बहुत प्रयास किए हैं. डॉक्टर वहां कि महिलाओं को बताते हैं कि छोटा परिवार रखना ज्यादा बेहतर है. तब कम से कम वो अपने बच्चे को बेहतर स्वास्थ्य सेवा, बेहतर शिक्षा और बेहतर जीवन दे सकती हैं
बोट क्लीनिक ब्रह्मपुत्र के सबसे दूर स्थित द्विप में भी सेवाएं देते हैं लेकिन फिर भी इसे 'डिफिकल्ट एरिया' असाइनमेंट नहीं माना जाता है. पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन के लिए जो डॉक्टर बोट क्लीनिक पर काम करते हैं. उन्हें 'डिफिकल्ट एरिया' रिजर्वेशन भी नहीं मिलता है.
मार्च 2020 से, बोट क्लीनिक COVID-19 की जांच कर रहे हैं. द्वीप के गांवों पर अब तक 58,302 लोगों की जांच कर चुके हैं.
(ये वीडियो देश में COVID-19 फैलने से पहले असम में शूट किया गया था)
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