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62 के मॉडल:44 की उम्र में पकड़ लिया था बिस्तर,अब रैंप वॉक करते हैं

दिनेश मोहन मोटापे और डिप्रेशन से जूझते हुए देश के सबसे ज़्यादा मांग वाले मॉडल बनकर उभरे हैं

त्रिदीप के मंडल
फीचर
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(फ़ोटो: क्विंट हिंदी)
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(फ़ोटो: क्विंट हिंदी)

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“वक्त का क्या भरोसा, बन के पानी बह जाए” अभिषेक बच्चन का ये गाना दिनेश मोहन के जुबां पर रहता है.

मैं 62 साल का हूं लेकिन मेरे सपने बहुत युवा हैं. बहुत ही युवा ! मैं उन सभी सपनों को हकीकत में बदलना चाहता हूं
दिनेश मोहन
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दिनेश मोहन के बारे में जो सबसे बड़ी बात है वो है उनका ऑरा, जिसे हम 'स्टार प्रेजेंस' कहते हैं. वो 62 साल के दिखते हैं, लेकिन इसके अलावा को ‘बिल्कुल युवा’ हैं.

18 साल पहले, 44 साल की उम्र में, दिनेश के जीवन में सबसे बुरा दौर आया. वो आज जैसे दिख रहे हैं वैसे नहीं थे. वो एक अलग शख़्स थे. 

सरकारी नौकरी कर रहे थे. उनकी शादी सफल नहीं रही थी. और जो सबसे दुखद था वो ये कि उनके बेटे की मौत हो गई.

ये सब नरक की तरह हो रहा था. वजन बढ़ता रहा क्योंकि मैं खुद को बर्बाद करने के लिए खा रहा था. यहां तक ​​कि अगर मैंने अपने शरीर को चलने की इजाजत दी तो वो मेरे से हो नहीं पा रहा था. एक अच्छी सुबह, मैं बाहर जाना चाहता था और अपनी चीजें करना चाहता था लेकिन मैं अपने बिस्तर पर गिर गया. वो मेरे जीवन के सबसे बुरे दिनों में से एक था. जब मैंने महसूस किया कि अगर आप अपने दिमाग पर काबू खो देते हैं तो ये आपके शरीर पर प्रभाव डालने लगता है क्योंकि हम दिमाग से ही सब कुछ नियंत्रित करते हैं. मेरे ‘मोटर फंक्शन’ ने काम करना बंद कर दिया. मैं उसी हालत में लंबे समय से बिस्तर पर था. ये मेरे जीवन का सबसे काला दौर था.
दिनेश मोहन

लगभग 10 सालों बाद, उनकी बहन और बहनोई ने इन्हें साइकेट्रिस्ट की मदद लेने के लिए प्रोत्साहित किया. आहार विशेषज्ञ और फिजियोथेरेपिस्ट की मदद से वो धीरे-धीरे लगभग 50 किलो वजन कम करने में सफल रहे. और फिर से चलने में सक्षम हुए.

जब मैं चलने की कोशिश कर रहा था तो अपने फिजियोथेरेपिस्ट के पास गया. उस लड़के के पिता उस समय मेरी उम्र के थे और वो मॉडलिंग में थे तो, इस फिजियोथेरेपिस्ट ने मुझसे कहा कि तुम मॉडलिंग की कोशिश क्यों नहीं करते? जब मैं वापस आया, तो मुझे याद आया कि मेरी बहन रसोई में खाना बना रही थी और उसने कहा, ‘क्या आपको पता है कि मैंने आपकी तस्वीरें किसी एजेंसी को भेजी हैं?’ मैंने उस एजेंसी में प्रवेश किया और देखा कि बहुत सारे लंबे, पतले और युवा लोग थे. मैं अपने आयु वर्ग से अकेला था तो, एकदम से मैंने कहा कि मुझे नहीं करना. ऑडिशन देना ही नहीं है लेकिन मेरे बहनोई ने कहा, ‘नहीं, आप अंदर जा रहे हैं, और आप उस हिस्से के लिए ऑडिशन दे रहे हैं’ मैं बहुत घबराया हुआ था कि क्या होगा और कैसे होगा लेकिन जिस वक्त लाइट चालू हुई और वो मेरे ऊपर पड़ी ये एक आध्यात्मिक संकेत की तरह था.
दिनेश मोहन

उस दिन के बाद से दिनेश ने पीछे मुड़कर नहीं देखा. बाद में कई मॉडलिंग असाइनमेंट और बॉलीवुड फ़िल्मों में रोल, दिनेश को अब कोई पछतावा नहीं है. वह अपने अतीत को नहीं भूल पाए हैं, लेकिन अब वो अपने जीवन को हर एक दिन जीते हैं!

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