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कैमरा: अभिषेक रंजन
एडिटर: पुनीत भाटिया
को-एक्टर: बादशा रे
बॉलीवुड की 'आदर्श' हीरोइन में कई गुण होने चाहिए- हालांकि उनके पास एक्टिंग स्किल न हो तो भी चलेगा. इस सटायर वीडियो में देखिए , कास्टिंग एजेंट्स और डायरेक्टर्स को कैसी हीरोइनों की तलाश होती है.
1. हीरोइन हमेशा एक सेक्स बम की तरह दिखनी चाहिए
इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिल्म में रोल कैंसर रोगी की है या लाश की. हीरोइन का फिगर हमेशा 36-24-36 नंबर में बंधा होना चाहिए.
2. उसे किसी अच्छे रोल की तलाश नहीं करनी चाहिए
अगर एक्ट्रेस का करियर हाल-फिलहाल में शुरु हुआ हो तो कम से कम उसे अच्छे रोल मिलने की उम्मीदों को छोड़ देना चाहिए.
3. ऑडिशन के समय उसे ‘खास उम्र’ का ध्यान रखना चाहिए
अगर एक्ट्रेस 25 साल की है तो उसे मेन लीड के लिए आॅडिशन देकर कास्टिंग एजेंट और डायरेक्टर का समय बर्बाद नहीं करना चाहिए. फिल्म में रोल पाने के लिए 18 और साढ़े 18 के बीच की तय उम्र सीमा का कड़ाई से पालन होना चाहिए.
4. उसे ज्यादा पैसों की मांग नहीं करनी चाहिए
एक्ट्रेस को मेहनताने के तौर पर मिलने वाली छोटी रकम से मान जाना चाहिए. हालांकि उसे जेंडर गैप को लेकर जबरदस्त ट्वीट करने की छूट दी जाएगी. आखिरकार, महिला सशक्तिकरण को लेकर किया गया ट्वीट पाॅजिटिव पीआर है!
5. उसे नेपोटिज्म को लेकर कोई समस्या नहीं होनी चाहिए
जिन्हें भी लगता है इंडस्ट्री में नेपोटिज्म ‘अनफेयर’ है तो वो समझ जाएं कि बाॅलीवुड में सिर्फ हिरोईन ‘फेयर’ होनी चाहिए. बाद बाकी सब अनफेयर चलता है.
6. उसे हैरेसमेंट के बारे में शिकायत नहीं करनी चाहिए
अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता: उसे हैरेसमेंट के बारे में शिकायत नहीं करनी चाहिए. चाहे वो को-एक्टर, डायरेक्टर, कोरियोग्राफर .. या कोई भी हो.
और अब वे लोग जो ये सब जानकर चुप रहने में सहज महसूस नहीं कर सकते, याद रखें कि इंडस्ट्री में हीरोइनें सलमान खान की कोर्ट की तारीखों की तरह होती हैं. एक जाती हैं तो दूसरी आती हैं. तो बुद्धिमानी से अपनी लड़ाई का चयन करें!
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