Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Feature Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019बिना किसी इनाम, सुरक्षा में जुटे रहने वाले सिक्योरिटी गार्ड

बिना किसी इनाम, सुरक्षा में जुटे रहने वाले सिक्योरिटी गार्ड

‘ड्यूटी में 36 घंटा भी रुकना पड़ता है और सैलरी भी कम. हम लोग भी तो इंसान हैं’

क्विंट हिंदी
फीचर
Updated:
देश में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स 24 से 36 घंटों की शिफ्ट करने को मजबूर हैं
i
देश में प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड्स 24 से 36 घंटों की शिफ्ट करने को मजबूर हैं
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

"ड्यूटी 12 घंटे का, छुट्टी एक भी दिन नहीं... 30 के 30 दिन, अगर नाइट में कोई रिलीवर नहीं आता है तो 24 घंटा भी रुकना पड़ता है, 36 घंटा भी रुकना पड़ता है और सैलरी भी कम. हम लोग भी तो इंसान हैं"

ये दर्द है कैलाश नाथ सिंह का, जो एक प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड हैं. बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और इकोनॉमिक्स में एमए करने वाले कैलाश नाथ नौकरी न मिलने पर मजबूरी में सिक्योरिटी गार्ड बने.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

इस प्रोफेशन में कई सालों से नौकरी कर रहे लोगों को वही सैलरी मिल रही है, जो नए आए लोगों को मिलती है.

बिहार के चंपारण से दिल्ली नौकरी करने आए सैयद इम्तियाज हैदर 20 सालों से प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रहे हैं. उन्हें 20 सालों से वही 9,000 रुपये मिल रहे हैं, जो हाल ही सिक्योरिटी गार्ड बने पवन की है. सैयद बताते हैं कि जब दूसरा सिक्योरिटी गार्ड छुट्टी पर होता है तो उनकी शिफ्ट 24 घंटे तक खींच जाती है.

मैं इस ठंड के मौसम को झेल रहा हूं और मुझे बस 9,000 रुपये मिल रहे हैं. मुझे भी ठंड लगती है लेकिन परिवार के लिए सब करना पड़ता है. मजबूरी का नाम महात्मा गांधी. कोई उपाय नहीं समझ आ रहा है इसलिए मर के नौकरी कर रहे हैं
सैयद इम्तियाज हैदर

सिक्योरिटी गार्ड नरेंद्र पांडे की कहानी भी इसी दर्द से भरी है. पांडे बताते हैं कि 20,000 की सैलरी में बच्चों की पढ़ाई के बाद उन्हें चाय पीने के लिए रुपये खर्च करने से पहले भी सोचना पड़ता है. "हम अपनी जान पर खेलकर ड्यूटी करते हैं. एक बार ऐसी जगह हमारी ड्यूटी लगाई गई जहां लाखों-करोड़ों के सामान पड़े होते हैं."

देश में इस वक्त पुलिस अधिकारियों से ज्यादा सिक्योरिटी गार्ड्स हैं. इस वक्त भारत में 70 लाख सिक्योरिटी गार्ड्स हैं, जो 2020 तक और बढ़ जाएंगे.

इस गणतंत्र दिवस आइए हम इन लोगों के जीवन में थोड़ा सा बदलाव लाने के लिए एकजुट हों, जो हमारे घर के बाहर पहरा देते हैं. उन्हें वो सम्मान दें जिसके वो हकदार हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 26 Jan 2019,05:37 PM IST

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT