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वीडियो एडिटर: संदीप सुमन
अगस्त में सोने-चांदी के भाव में अच्छी तेजी देखने को मिली है. गोल्ड और सिल्वर दोनों मेटल ने इस महीने में अपना नया रिकॉर्ड हाई बनाया है. 21 अगस्त को गोल्ड का भाव 38,820 प्रति 10 ग्राम है, वहीं सिल्वर के भाव भी 45,000 प्रति किलोग्राम को पार कर चुके हैं. ऐसे में आम निवेशकों के मन में सोने-चांदी में निवेश को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है.
ऐसे में सवाल है कि सोने में निवेश करने का क्या नजरिया हो? या फिर पहले से जिनके पास सोना पड़ा है तो क्या उसको निकालने का ये अच्छा वक्त है. या फिर बाजार अभी और ऊपर जाएगा. साथ ही घरेलू और ग्लोबल क्या संकेत हैं, जो सोने चांदी के भाव पर असर डालेंगे. ये सारी बातें बता रहे हैं एंजेल ब्रोकिंग के कमोडिटी एक्सपर्ट अनुज गुप्ता
गोल्ड के भाव में तेजी के पीछे क्या वजह हैं?
सोने-चांदी में हमने 2019 में तेजी आते हुए देखी है. इस तेजी के पीछे कई कारण रहे हैं. अमेरिका-चीन के बीच ट्रेड वॉर, अमेरिका-ईरान के संबंधों का मामला या करेंसी में डेप्रिसिएसन हो, इसके चलते गोल्ड और सिल्वर में तेजी देखने को मिली है. पिछली 1 तिमाही में सोने में 10.5% का रिटर्न देखने को मिला है. गोल्ड ने पिछले 6 साल के हाई को तोड़ा है. गोल्ड की डिमांड बढ़ी है. सेंट्रल बैंकों ने गोल्ड में अच्छी खरीदारी की. घरेलू कारणों में बजट में इंपोर्ट ड्यूटी लगी. इसकी वजह से भी गोल्ड के भाव बढ़े हैं.
क्या आगे भी बरकरार रहेगी सोने-चांदी की ये तेजी?
आगे सोने और चांदी के भाव में तेजी बनी रहेगी. जियोपॉलिटिकल टेंशन दिख रहे हैं. ट्रेड वॉर आगे भी जारी रहेगा. अमेरिका-चीन एक दूसरे पर टैक्स-टैरिफ लगा रहे हैं. दोनों देशों के संबंधों में अभी राहत की उम्मीद नहीं दिख रही है. इसलिए गोल्ड में लॉन्ग टर्म में तेजी देखने को मिलेगी.
आम निवेशक को क्या करना चाहिए?
आम निवेशक संभल कर खरीदारी करें. गोल्ड के भाव लाइफटाइम हाई पर हैं. अभी अपनी जरूरत के हिसाब से खरीदारी कर सकते हैं. लंबी अवधि के हिसाब से अभी भी निवेश कर सकते हैं. आने वाले वक्त में गोल्ड में तेजी जारी रहेगी. ब्याज दर और महंगाई दोनों की वजह से गोल्ड को सपोर्ट मिलेगा. लंबी अवधि के लिए गोल्ड लेना है तो कई सारे ऑप्शन हैं. गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड ईटीएफया इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में भी ले सकते हैं.
शेयर बाजार में जिनको घाटा हो रहा है क्या वो भी गोल्ड का ऑप्शन चुन सकते हैं?
पिछली 1 तिमाही में निफ्टी ने करीब 6.5% का नेगेटिव रिटर्न दिया है. वहीं गोल्ड ने करीब 10.5% का रिटर्न दिया है. इतिहास में जब भी शेयर बाजार में गिरावट दिखी, तब-तब गोल्ड में तेजी देखने को मिली है. गोल्ड एक सेफ हेवेन है
कुल मिलाकर सोने को लेकर जो अनुमान हैं, उसके मुताबिक सोना है तो बहुत जरूरत पड़ने पर ही बेंचे. खरीदना हो तो संभलकर खरीदें क्योंकि इसमें लॉन्ग टाइम में अब भी मुनाफे की उम्मीद है.
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