Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019भारतीय भाषाओं को टेक कंपनियों का साथ, इंटरनेट पर बढ़ रही है डिमांड

भारतीय भाषाओं को टेक कंपनियों का साथ, इंटरनेट पर बढ़ रही है डिमांड

लव योर भाषा- क्विंट हिंदी और गूगल के साथ मनाइए इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं का जश्न

क्विंट हिंदी
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बोल- Love Your भाषा
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बोल- Love Your भाषा
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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क्या आपको पता है, भारत में यूट्यूब पर सबसे ज्यादा किस भाषा में वीडियो सर्च किए जाते हैं? आपका जवाब अंग्रेजी हो सकता है, लेकिन ऐसा नहीं है. भारत में यूट्यूब पर 3 सबसे लोकप्रिय भाषाएं हैं.

  • तेलुगू
  • तमिल
  • हिंदी

इंटरनेट पर भले ही अंग्रेजी पहली भाषा हो, लेकिन अब हमारी भाषाएं अपनी जगह बना रही हैं.

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देश में 50 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं और भारतीय भाषाओं के यूजर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है. रेवरी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस वक्त भारतीय भाषाओं के 30 करोड़ यूजर हैं.

यही नहीं, देश में इंटरनेट पर हिंदी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा मराठी, बंगाली और गुजराती यूजर सबसे ज्यादा एक्टिव हैं.

(फोटो: क्विंट हिंदी)

भाषाओं को बढ़ावा देती टेक कंपनियां

ऑनलाइन कारोबार से जुड़ी कंपनियां भारतीय भाषाओं पर काफी जोर दे रही हैं. Reverie Language Technologies, Process9 जैसी कंपनियां इस काम में तेजी से लगी हुई हैं.

Reverie Language Technologies के को-फाउंडर अरविंद पाणि कहते हैं,

ये अंदाजा लगाया जाता है कि 2020 तक 50% ऑनलाइन शॉपिंग वाले लोग नॉन मेट्रो से होंगे.
अरविंद पाणि, को-फाउंडर, Reverie Language Technologies

Process9 की को-फाउंडर विदुषी कपूर के मुताबिक,

अगले 3-5 साल में इस सेक्टर में काफी विकास होने वाला है. गूगल और केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेट से जुड़ने वाले 10 में से 9 यूजर भारतीय भाषाओं के हैं.
विदुषी कपूर, को-फाउंडर, Process9
(फोटो: क्विंट हिंदी)

बोल- Love Your भाषा

क्विंट हिंदी और गूगल की ये साझेदारी, ये पहल एक कोशिश है अंग्रेजी के मुकाबले भारतीय भाषाओं को इंटरनेट पर उनकी सही पहचान दिलाने की. 18 सितंबर को हमारे इस खास कार्यक्रम- बोल- Love Your भाषा में जुबानों की इस ऑनलाइन दुनिया को बदलने वाले तमाम लोग एक छत के नीचे इकट्ठा होंगे. चर्चा होगी इंटरनेट पर भारतीय भाषाओं के भविष्य की, सम्मान होगा उनका जिन्होंने हमारी अपनी भाषाओं को बढ़ावा देने का काम किया है और सामना होगा चुनौतियों का.

क्विंट हिंदी और गूगल की इस पहल के जरिए होने वाले मंथन से उम्मीद है ‘भाषाई अमृत’ निकलने की जो ऑनलाइन दुनिया को बेहतर और दिलचस्प बनाने में मदद करेगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 14 Sep 2018,08:45 AM IST

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