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गुजरात की आवाज: ‘GST से फायदा हुआ’, ‘नेताओं को वादे निभाने चाहिए’

‘गुजरात की आवाज’ में जनता बता रही है अपने मुद्दे.

द क्विंट
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‘गुजरात की आवाज’ में जनता बता रही है अपने मुद्दे.
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‘गुजरात की आवाज’ में जनता बता रही है अपने मुद्दे.
(फोटो: द क्विंट)

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गुजरात विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की निगाहें हैं. पीएम मोदी का गृह राज्य होने की वजह से लोग इस चुनाव में खास दिलचस्पी ले रहे हैं. 22 सालों से सत्ता पर काबिज बीजेपी एक बार फिर सरकार बनाने के लिए पूरी जान लगा रही है, तो वहीं कांग्रेस ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

क्विंट ने गुजरात विधानसभा से जुड़ी हर खबर आप तक पहुंचाने की खास तैयारी की है. हम गुजरात की आम जनता से बात करके उसके मन की बात आप तक पहुंचा रहे हैं. ‘गुजरात की आवाज’ में जनता बता रही है अपने मुद्दे.

'इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के रूप में खुद चुनाव लड़ूंगा'

36 साल के राम दास गुजरात के पोरबंदर में वोट डालते हैं. राम दास का कहना है कि पिछले 22 सालों में गुजरात में कोई काम नहीं हुआ है. इसलिए इस बार वह खुद इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के रूप में खड़े हुए हैं.

अस्पतालों की स्थिति बहुत खराब है. पिछले 10 सालों से यहां न कोई डॉक्टर है और न कोई सर्जन. इसलिए यहां के लोगों को अहमदाबाद जाना पड़ता है.
राम दास, पोरबंदर
लोगों के लिए रोजगार भी नहीं है. पहले जो था, वो भी अब खत्म हो गया है. हमारे इलाके में कोई उद्योग भी नहीं है. हर रोज 1-2 घर से लोग पोरबंदर छोड़कर चले जाते हैं.
राम दास, पोरबंदर

राम दास ने साफ-साफ कह दिया है कि वो देश की दो सबसे बड़ी पार्टी (बीजेपी और कांग्रेस) में से किसी को भी वोट नहीं देंगे. क्योंकि वो अपना वोट देकर बेकार नहीं करना चाहते हैं.

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'नेताओं को वादे निभाना चाहिए'

39 साल की इला पटेल एक बिजनेस वुमेन हैं और गुजरात के मोरबी में रहती हैं. इला पटेल का कहना है कि सरकार सिर्फ वादे न करे, बल्कि इन्हें निभाए भी.

मेरी सरकार से गुजारिश है कि वो सबसे पहले हमारी बेसिक जरूरत पूरी करे. जैसे: सड़क, पानी, खेत के लिए जरूरी चीजें. इसके अलावा प्राइवेट और सरकारी स्कूलों में महिलाओं की फीस काफी अधिक है. जो मीडिल इनकम ग्रुप के लोगों के लिए संभव नहीं हैं. इसमें बदलाव हो. 
इला पटेल, मोरबी

'GST से सचमुच हमें फायदा हुआ'

72 साल के राम अवतार साबु एक व्यापारी हैं और सूरत में वोट डालते हैं. उनका कहना है कि जो लोग अभी जीएसटी का विरोध कर रहे हैं, वही लोग साल भर बाद कहेंगे कि ये जीएसटी पांच पहले क्यों नहीं आया.

हां हमे जीएसटी से तकलीफ हुई है लेकिन इसके साथ-साथ हमें इससे कई फायदे भी हुए हैं. जिस पर मीडिया का ध्यान अभी तक नहीं गया है.
राम अवतार साबु, सूरत

राम अवतार साबु ने बताया, जीएसटी की वजह से पेपर वर्क में कुछ दिक्कत हो रही है, लेकिन इसे सरकार समझ रही है और समय के साथ ये ठीक हो जाएगी.

गुजरात की आवाज सुनने के लिए यहां क्लिक करें.

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Published: 22 Nov 2017,09:41 PM IST

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