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वीडियो एडिटर- पूर्णेन्दु प्रीतम
4 मई को गुड़गांव से एक खबर आई. कुछ हिंदूवादी संगठनों ने कई जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को जुमे की नमाज पढ़ने से रोका. संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति नाम के संगठन ने खुले में नमाज पढ़ने से लोगों को रोका. समिति में बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना, हिंदू जागरण मंत्र जैसे 12 संगठन शामिल हैं.
मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने इस पर क्या कहा?
मुसलमानों को सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ने से रोकने और धमकाने वाले कितने लोगों के खिलाफ पुलिस एक्शन हुआ? अब तक कितने लोगों को गिरफ्तार किया गया? 4 मई को हुई घटना से पहले ये भी हो चुका था. कुछ हिंदुओं ने गुरुग्राम सेक्टर 53 में मुसलमानों को नमाज पढ़ने से रोका और जय श्री राम, वंदे मातरम् और राधे-राधे जैसे नारे लगाए. लेकिन जरा सोचिए, सीएम इस घटना को कैसे देखते हैं--
सर, पहले जरा ये जरा सी बात समझ लीजिए-- लोगों को सार्वजनिक जगहों में नमाज पढ़ने का अधिकार हो या नहीं ये डिबेट हो सकती है लेकिन अगर हरियाणा सरकार को इससे परेशानी है तो ये पुलिस जैसे लाॅ इंफोर्समेंट एजेंसियों को देखना चाहिए न कि हिंदुत्व के नकाब के पीछे छिपे गुंडों को.
4 मई को दोपहर 1.30 बजे तक, संयुक्त हिंदू संघर्ष समिति सीना ठोककर कह रही थी कि उन्होंने 10 जगहों पर नमाज रुकवाई.
समिति से जुड़े लोगों का दावा है कि उन्हें 12 हिंदूवादी संगठनों का साथ मिला है जिसमें बजरंग दल, वीएचपी, शिव सेना, हिंदू जागरण मंच, अखिल भारतीय हिंदू क्रांति दल जैसे बड़े नाम शामिल हैं. तो खट्टर जी, मुसलमान कहां नमाज पढ़ें, कहां नहीं, ये समझाने से पहले आप उन गुंडों को क्यों नहीं कुछ समझाते जो मुसलमानों को डराने का काम कर रहे हैं.
आपको याद दिला दूं, आईपीसी की धारा 153A इसी के लिए है.
और आगे सुनिए...
आईपीसी का यही सेक्शन ये भी कहता है कि
“कोई अगर ऐसा अपराध किसी धर्मस्थल या पूजा के लिए इकट्ठे हुए लोगों के बीच करता है तो सजा 5 साल तक की भी हो सकती है.”
खट्टरजी, इस बात को फिर समझ लीजिए...
पूजा के लिए इकट्ठे हुए लोग. और ये बात नमाज के लिए जमा मुसलमानों पर उसी तरह लागू होती है. ये कानून कहता है. और आप भी कहते हैं.
"लाॅ-आॅर्डर को बनाए रखना हमारा फर्ज है और हम करेंगे"
तो कीजिए न, मुख्यमंत्री जी, इन गुंडों को लाइन पर जरूर लाइए. किसने रोका है आपको?
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