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अंतरराष्ट्रीय संस्था यूएनएड्स ने साल 2008 में हरियाणा राज्य में एक सर्वे किया था. इस सर्वे का मकसद था सूबे में इंजेक्शन का इस्तेमाल कर ड्रग्स लेने वालों (IDU) की संख्या का अंदाजा लगाना. सर्वे में पाया गया था कि हरियाणा में कुल 15,858 ऐसे लोग हैं, जो इंजेक्शन की मदद से ड्रग्स लेते हैं. और इनमें ज्यादातर की उम्र 18-30 साल के बीच है.
वहीं पंजाब में 18,148 ऐसे लोग हैं, जो नशे की लत में फंसे हुए हैं. दोनों राज्यों में नशे के शिकार लोगों की संख्या में अब ज्यादा अंतर नहीं रह गया है. फिर भी हरियाणा सरकार इसे कोई मुद्दा नहीं मानती.
रवि ने बताया कि कैसे उसे नशे की लत लगी, कैसे वो नशे के लिए पैसों का बंदोबस्त करता था, कहां से उसे नशे का सामान मिलता था और यह सब करना उसके लिए कितना आसान था. उससे बातचीत में चौंकाने वाली बातें ये थीं कि उसकी उम्र के ना जाने कितने ही बच्चे हैं, जिनके लिए नशे तक पहुंचना बेहद आसान है. और जो इसके शिकार हो चुके हैं, उन्हें इससे बचाकर बाहर लाने के लिए सरकार कोई कदम नहीं उठा रही.
वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया
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