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जींद: जाट-नॉन जाट की जंग में BJP,कांग्रेस, चौटाला पुत्रों का टेस्ट

कांग्रेस ने राहुल गांधी के करीबी रणदीप सुरजेवाला को जींद के चुनावी मैदान में उम्मीदवार बनाया है. 

शादाब मोइज़ी
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2019 लोकसभा चुनवा से ठीक पहले हरियाणा के जींद में उपचुनाव हो रहे हैं.
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2019 लोकसभा चुनवा से ठीक पहले हरियाणा के जींद में उपचुनाव हो रहे हैं.
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर- आशुतोष

2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हरियाणा के जींद में विधानसभा के लिए उपचुनाव हो रहे हैं. लेकिन ये चुनाव दो फाड़ हो चुके चौटाला परिवार के लिए विरासत की लड़ाई है वहीं कांग्रेस के लिए वापसी की उम्मीद. वहीं दूसरी ओर बीजेपी पहली बार जींद में अपना खाता खोलने को बेचैन है.

दरअसल, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) विधायक हरिचंद मिड्ढा के निधन की वजह से यहां उपचुनाव हो रहे हैं. करीब एक लाख 70 हजार आबादी वाले जींद में 50 हजार जाट वोट हैं. मतलब जाट वोट यहां जीत हार के लिए बड़ा फैक्टर है.

लेकिन ये उपचुनाव और भी कई मायनों में खास है. यही समझने के लिए और लोगों के मन की बात जानने के लिए क्विंट पहुंचा जींद.

कौन-कौन है मैदान में?

INLD के चौटाला परिवार में फूट के बाद बनी जननयाक जनता पार्टी पहली बार चुनावी मैदान में है. जननायक जनता पार्टी ने दिग्विजय चौटाला को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने इस सीट पर पार्टी के प्रवक्ता, कैथल से विधायक और राहुल गांधी के करीबी रणदीप सुरजेवाला को उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को रोचक बना दिया. बीजेपी ने इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) विधायक हरिचंद मिड्ढा के बेटे कृष्ण मिड्ढा को टिकट देकर नॉन जाट वोटरों को अपने पाले में लाने में जुटी है. इंडियन नेशनल लोकदल ने निर्दलीय उमेद सिंह रेढू को अपना समर्थन दिया है.

बीजेपी उम्मीदवार और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) विधायक हरिचंद मिड्ढा के बेटे कृष्ण मिड्ढा.(फोटो: शादाब मोइज़ी)

जींद का ये चुनाव चौतरफा बनता जा रहा है. कांग्रेस, JJP और INLD ने जाट उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. वहीं बीजेपी ने नॉन-जाट कैंडिडेट उतार कर खेल को अपने पक्ष में करने की जुगत में हैं.

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जाति के नाम पर होता है यहां वोट

जींद के रहने वाले एस अशोक दीवान बताते हैं कि मुद्दा तो विकास का था लेकिन धीरे धीरे ये जातीय समीकरण पर होता जा रहा है. सब यही बात करते हैं कि ये पंडित है, बनिया है. कोई मीटिंग करेगा तो अग्रवाल की. अरे भाई क्यों अग्रवाल की मीटिंग होगी. आपके वोटर तो सारे ही हैं सबको बुला लीजिए आप. आप सिर्फ सैनी-सैनी का बुलाइएगा. क्यों आपको दूसरों का वोट नहीं चाहिए?’’

बीजेपी का नॉन जाट दांव, लेकिन लोगों में नाराजगी

INLD के MLA हरिचंद मिड्ढा के निधन से जींद विधानसभा सीट खाली हुई है. मिड्ढा के बेटे कृष्ण मिड्ढा को बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. लेकिन इस बात से कुछ लोगों में नाराजगी है.

स्थानीय निवासी पवन कुमार सैनी कहते हैं 10 साल हरिचंद मिड्ढा जींद के एमएलए रहे हैं, अब उनके बेटे बीजेपी से चुनाव लड़ रहे हैं. जब उन्होंने पहले विकास नहीं किया तो अब क्या होगा? पार्टी बदलने से क्या विकास हो जाएगा?

वहीं कुछ लोगों का मानना है कि मिड्ढा का बीजेपी में जाने का फैसला सही है और उन्हें सहानुभूति के नाम पर वोट मिल सकता है. अशोक दीवान बताते हैं कि लोगों में नाराजगी तो है लेकिन इतनी ज्यादा नहीं कि सहानुभूति के आगे छोटी पड़ जाए.

सुरजेवाला के कारण जींद बना हॉट सीट

कांग्रेस ने हरियाणा के कैथल से विधायक रणदीप सिंह सुरजेवाला को जींद से चुनाव में उतारा है. स्थानीय निवासी शक्ति सिंह का मानना है कि अगर हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनती है तो रणदीप सुरजेवाला हरियाणा के आने वाले सीएम हैं. लेकिन जींद के रहने वाले बसंत कुमार कांग्रेस के इस फैसले से खुश नहीं हैं. उनका कहना है,

आज तक हिंदुस्तान के इतिहास में कहीं का उदाहरण देकर बताइए कि क्या कोई सीटिंग MLA उपचुनाव लड़ता है. सुरजेवाला को लड़ाने की जरूरत क्या थी? कांग्रेस क्या चाहती थी?

क्या चौटाला परिवार की लड़ाई से बटेगा INLD-JJP में वोट?

बता दें कि अभी हाल ही में आईएनएलडी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए दुष्यंत और दिग्विजय चौटाला को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. जिसके बाद चौटाला परिवार में दरार पड़ गई और अजय चौटाला के बेटे दुष्यंत और दिग्विजय ने अपनी पार्टी बनाने का फैसला कर लिया. वहीं अभय चौटाला ने इनेलो की कमान संभाल ली. लेकिन सवाल ये है कि परिवार की लड़ाई से किसे होगा नुकसान?

जींद के पीजी कॉलेज में पढ़ने वाले अंकित बताते हैं कि JJP उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला की युवाओं और ग्रामीण अच्छी पकड़ है. इसलिए उनका वोट तो नहीं लेकिन INLD को नुकसान जरूर होगा.

फिलहाल जींद जाट बनाम नॉन जाट पॉलिटिक्स की प्रयोगशाला में तब्दील है जाट यहां मेजॉरिटी में होने के बाद भी पिछले कई दशक से एक भी विधायक नहीं बना सके हैं, न ही बीजेपी यहां से कभी चुनाव जीती है. ऐसे में यहां हार और जीत आने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव में पिच, प्लेयर और टीम की तैयारी का हाल तो बता ही देगी.

बता दें कि 28 जनवरी को जींद में मतदान होना है और 31 जनवरी को नतीजे आएंगे.

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