Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Holi: गुस्सा, झगड़ा, छोड़ो चुगली, मिलकर मनाओ सब होली

Holi: गुस्सा, झगड़ा, छोड़ो चुगली, मिलकर मनाओ सब होली

होली के रंग में डूबे लोग एक दूसरे को अलग अलग रंगों में रंगने को तैयार. लेकिन व्यंगय के बिना तो सब अधूरा है. 

यज्ञा सचदेव
वीडियो
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(फोटो: द क्विंट)
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(फोटो: द क्विंट)

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इलस्ट्रेटर: यज्ञा सचदेवा

क्रिएटिव प्रोडूसर: पुनीत भाटिया

डायलॉग: बादशा रे, साइरस जॉन, दिव्यानि रतनपाल, यज्ञा सचदेवा

सिंगर: उर्मि भट्टाचार्य, राहुल, बादशा रे

होली का त्योहार जैसे रंगों के बिना अधूरा है वैसे ही मस्ती, हंसी, ठिठोली के बिना भी होली का रंग नहीं जमता.

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ट्रेन में सफर के दौरान राजनीति पर बहस हो या फिर चाय की दुकान पर शाहरुख खान बेहतर ऐक्टर है या सलमान. फिर चाहे आप देशभक्ति पर दो ग्रुप को भिड़ते देख लें या एक पड़ोसी को दूसरे पड़ोसी की चुगली करते. मतलब ये सब जिंदगी का हिस्सा है.

ऐसे में ये एनिमेटेड वीडियो हमारे सामने करीब करीब हमारे समाज की सच्ची तस्वीर लेकर आया है.

पहले एक सरकारी बाबू और बिजनेसमैन इस बात पर भिड़ जाते हैं कि देश को किसने ज्यादा लूटा है. फिर एक आंटी और यंग लड़की के बीच बातों के तीर इस बात पर चल जाते हैं कि कौन भारत की इमेज और संस्कार को डुबो रहा है. इसके बाद दो दोस्त नेशनल एंथम और राष्ट्रवाद पर वाद-विवाद में उलझ जाते हैं.

अब बारी आती है नेशनल बहस की, अरे वही, अपनी राजनीति, लेकिन इस बहस को भी होली ने रंग दिया है. रंग चढ़े भारतीयों में अब कोई अंतर नहीं बता पाएगा.

होली पर कुछ भी हो सकता है. रंग लगने पर दो अलग विचारधारा और सोच के लोग भी हूबहू एक जैसे दिखते हैं. चाहे एक दिन के लिए ही सही, रंग हमारे बीच के भेदभावों को मिटा देते हैं.

आशा करते है इस साल की होली हमें एक दूसरे के करीब लाएगी, खासकर उन लोगों के जिनसे हम सबसे ज्यादा बहस करते हैं.

हैप्पी होली.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 21 Mar 2019,10:26 AM IST

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