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COVID-19: जानिए साबुन कैसे करता है कोरोनावायरस का खात्मा

साबुन से हाथ धोने की आदत आपको COVID-19 से बचा सकती है

वत्सला सिंह
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साबुन से हाथ धोने की आदत आपको कोरोनावायरस से बचा सकती है.
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साबुन से हाथ धोने की आदत आपको कोरोनावायरस से बचा सकती है.
(फोटो: फिट/श्रुति माथुर)

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‘गो कोरोना गो’ कहने से कोरोनावायरस डिजीज-2019 (COVID-19) नाम की बीमारी फैलने से नहीं रुकेगी और न ही गोमूत्र इससे बचाएगा.

COVID-19 को 'वैश्विक महामारी' घोषित किया गया है. इससे 2 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं और करीब 10 हजार लोगों की जान जा चुकी है.

वहीं कुछ लोग इस महामारी से निपटने के लिए अटपटे बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं. भांग, गोबर और गोमूत्र से लेकर कोरोनावायरस की मूर्ति बनाने तक की नसीहत दी जा चुकी है. (इस तरह की अवैज्ञानिक बातों में न आएं.)

पैनिक, पागलपन और लगातार बढ़ते मामलों के बीच हेल्थ प्रोफेशनल लगातार हैंड हाइजीन का ख्याल रखने को कह रहे हैं.

आपने ने भी देखा होगा कि भारत में COVID-19 के मामले सामने आने के बाद किस तरह से मार्केट में हैंड सैनिटाइजर की कमी पड़ी गई.

ऐसे माहौल में एक्सपर्ट्स ने ये स्पष्ट किया कि कोरोनावायरस से बचाव के लिए साबुन और पानी से हाथ धोना काफी है. यहां तक कि साबुन हैंड सैनिटाइजर से ज्यादा प्रभावी हो सकते हैं.

ऐसे माहौल में एक्सपर्ट्स ने ये स्पष्ट किया कि कोरोनावायरस से बचाव के लिए साबुन और पानी से हाथ धोना काफी है. यहां तक कि साबुन हैंड सैनिटाइजर से ज्यादा प्रभावी हो सकते हैं.

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साबुन कोरोनावायरस से कैसे लड़ सकता है?

इसका जवाब साबुन के मॉलिक्यूलर कंपोजिशन में है. साबुन के दो हिस्से होते हैं- एक हिस्सा पानी पसंद करता है और दूसरा हिस्सा फैटी एसिड या लिपिड.

जब आप साबुन से किचन के बर्तन साफ करते हैं, तो साबुन पानी और तेल दोनों से इन्टरैक्ट करता है और स्क्रब की मदद से बर्तन साफ हो जाता है. यही चीज हाथों के साथ भी होती है.

कोरोनावायरस के बाहरी झिल्ली में लिपिड होता है. यही झिल्ली वायरस को सुरक्षित रखती है, इसे फैलने और कोशिकाओं पर अटैक करने में मदद भी करती है.

कोरोनावायरस के बाहरी झिल्ली में लिपिड होता है. यही झिल्ली वायरस को सुरक्षित रखती है, इसे फैलने और कोशिकाओं पर अटैक करने में मदद भी करती है.

हाथ धोते वक्त साबुन वायरस से अटैच हो जाता है, लेकिन पानी से भी इन्टरैक्ट करना चाहता है. इस खींचतान में वायरस की बाहरी झिल्ली नष्ट हो जाती है. इस तरह जब आप हाथ धोते हैं, तब साबुन के मॉलिक्यूल से डैमेज, ट्रैप हुए और खत्म हुए सभी सूक्ष्मजीव भी धुल जाते हैं.

सिर्फ पानी से हाथ धोना काफी नहीं है

वायरस काफी स्टिकी होता है और हो सकता है कि सिर्फ पानी से न निकले. साबुन इसे हाथ से छुड़ाने का काम करता है. इसके लिए आपको कम से कम 20 सेकेंड तक अपने हाथ धोने की जरूरत होती है.

फिर सैनिटाइजर किस काम के हैं?

सैनिटाइजर से आप वायरस पार्टिकल को पूरी तरह धो नहीं रहे होते, वो आपके हाथों पर होते हैं.

ऐसे में सैनिटाइजर इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है?

  • आप वही सैनिटाइजर इस्तेमाल करें, जिसमें कम से कम 60% एल्कोहल हो
  • फिर हाथों को 20 सेकेंड तक रब करें
  • इसके बाद साबुन से हाथ धोना भी जरूरी है

सैनिटाइजर का इस्तेमाल उस समय बेहतर है, जब साबुन और पानी न हो.

और हां, किसी के कहने पर गोमूत्र से हाथ न धोने लग जाइएगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 20 Mar 2020,08:25 PM IST

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