advertisement
'इंडिया में सिर्फ दो धर्म है- एक क्रिकेट और दूसरा सिनेमा'. घिसी-पीटी बात है लेकिन सच है. क्रिकेट के लिए कुछ कहने की जरुरत नहीं है. लेकिन फिल्म या सिनेमा एक अलग ही मुद्दा है. हम फिल्मों को इतना सीरियसली लेते हैं कि डायरेक्टर कहते हैं- आपको एक फिल्म मेकर बनने के लिए सिर्फ एक कैमरे की जरूरत है.' और लोग निकल पड़ते हैं अपना DSLR कैमरा लेकर.
लेकिन ये इतना आसान नहीं, अगर आप इंडिया में फिल्म बना रहे हैं तो आपको कई बातों का ध्यान रखना जरुरी है. कुछ मुद्दे बहुत संवेदनशील हैं.समझ लीजिए की ये एक क्राइटीरिया है. अगर आपकी पिक्चर में ये सब मुद्दे हैं तो इंडिया में आपको अपने आपको फिल्म मेकर कहने में थोड़ा वक्त और है. लेकिन अगर आप ये सारे पड़ाव पार कर जाते हैं तो, तो 'मुबारक हो' आप एक फिल्म मेकर बनने के लिए तैयार हैं.
इतिहास एक मुद्दा है लेकिन सेक्स और सेक्सुअलिटी दूसरा गंभीर मुद्दा है. 'पद्मावती' माफ़ कीजिएगा 'पद्मावत' से लेकर 'उड़ता पंजाब' जैसी कई फिल्में हैं, जिन्हें अपनी फिल्म का मुद्दा ऑडियंस तक लाने के लिए भरी कीमत चुकानी पड़ी है. आप हमारे कई फिल्म मेकर्स की परेशानियों से सीख सकते हैं.
PS: अगर आप एक फिल्म मेकर बनने के लिए कुछ नोट्स बना रहे हैं तो भूल जाइए क्योंकि एक फिल्म मेकर बनने के लिए इंडिया में हर दिन गाइडलाइंस बदलती रहती है.
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)