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#SwachhDigitalIndia: ऐसे करें फर्जी खबर की पहचान

सिर्फ सच पढ़िए और सच ही शेयर करिए, ऐसा करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन ये जरूरी है और आप कर सकते हैं.

द क्विंट
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सिर्फ सच पढ़िए और सच ही शेयर करिए.
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सिर्फ सच पढ़िए और सच ही शेयर करिए.
(फोटो: द क्विंट)

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जी नहीं, 2000 रुपये के नए नोटों में कोई जीपीएस चिप नहीं लगी है. नहीं, यूनेस्को ने हमारे राष्ट्रगान को दुनिया का सबसे अच्छा राष्ट्रगान घोषित नहीं किया है.

यूनेस्को एक संस्था के रूप में ऐसा करती भी नहीं है. नहीं, भारत में 2016 में नमक की कोई किल्लत भी नहीं थी.

अगर आपको ऐसा लगता है कि इन बेतुकी बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता, तो आपको बता दें कि जब अंतिम अफवाह फैली थी तो इस अफरा-तफरी में कानपुर में एक महिला की मौत हो गई थी.

ये सभी झूठी खबरें (फेक न्यूज) थीं जो फेसबुक, ट्विटर और व्हॉट्सऐप पर वायरल हुए, ऐसी अफवाहों की फेहरिस्त बहुत लंबी हैं. इसलिए सिर्फ सच पढ़िए और सच ही शेयर करिए, ऐसा करना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन जरूरी है और आप कर सकते हैं.

1. वॉट्सऐप इस्तेमाल कर रहे हैं? तो अपना ब्राउजर भी इस्तेमाल करें.

आप गूगल सर्च करके चेक कर सकते हैं कि बात सच है या झूठ.

2. फैक्ट चेक करना ज्यादा मुश्किल नहीं है

अगर बात सच है तो देश-विदेश की दस-बीस भरोसेमंद साइटों में से किसी पर जरूर होगी.

3. सोर्स और यूआरएल पता करें

अगर आपने पब्लिशर के बारे में कभी नहीं सुना है, तो चौकन्ने हो जाएं.

4. तारीख चेक करें!

कोई चीज एक बार वर्ल्ड वाइड वेब में आ जाए, तो फिर ये हमेशा वहां रहती है.

6. साइट का 'अबाउट' पेज देखें

हर विश्वसनीय पब्लिशर का खुद के बारे में बताने वाला 'अबाउट' पेज होता है.

पूरी स्टोरी पढ़ने के लिए क्लिक करें.

(ये लेख बीबीसी हिंदी और 'द क्विंट' की साझा पहल 'स्वच्छ डिजिटल इंडिया' का हिस्सा है.)

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