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क्या आपको पता है कि देश में सबसे ज्यादा गुस्सा किसे आता है? अगर नहीं, तो मिलिए परमजीत सिंह पम्मा से. अपने गुस्से के लिए ये दुनियाभर में मशहूर हैं.
मुद्दा चाहे आतंकवाद हो या प्याज-टमाटरों के दामों में बढ़ोतरी का, परमजीत सिंह पम्मा फुल टाइम प्रदर्शन के लिए पहुंच जाते हैं. पम्मा ने राष्ट्रीय अकाली दल नाम से एक पार्टी भी बनाई है. हालांकि, पेशे से वो एक व्यापारी हैं और दिल्ली के सदर बाजार में उनकी एक दुकान है.
परमजीत का कहना है कि उन्हें तब गुस्सा आता है जब सिस्टम में गड़बड़ होती है.
परमजीत के गुस्से भरे प्रदर्शन की कहानी उनके पिता के निधन के बाद शुरू हुई थी, तब उनकी उम्र 22 साल थी. पम्मा आज दो बच्चों के पिता है. उनकी पत्नी गुरसिमरन कौर को भी अपने पति के इस काम पर गर्व महसूस होता है.
हालांकि पम्मा के बच्चों की राय थोड़ी अलग है. उनको अपने पापा की चिंता रहती है. पम्मा की बेटी जेस्मिन कहती हैं कि पापा जब प्रदर्शन करते हैं तो कभी-कभी उनको चोटें लग जाती हैं, जिससे जेस्मिन को बुरा लगता है और पापा की फिक्र सताने लगती है.
पम्मा को जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करते हुए आज 25 साल हो गए. उनका कहना है कि लोकतंत्र में प्रदर्शन करना सबका हक है. जब जब लोगों पर मुसीबतें आएंगे या सिस्टम में खराबी होगी, तो वो जरूर आवाज उठाएंगे और ये आवाज चुप नहीं होगी.
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