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गलवान वैली में 15 जून को भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे, चीन को भी काफी नुकसान हुआ था. उसके बाद फिर से अब भारत और चीन के बीच मतभेद शुरू हो गए हैं. दो दिन पहले पैंगोंग लेक के दक्षिणी इलाके में चीनी आर्मी अपना कब्जा जमाने की कोशिश में थी.
इंडियन आर्मी और इंटेलिजेंस ने देखा कि वहां ट्रूप मूवमेंट हो रहा है, टैंक भी आगे आ रहे थे, उसी वक्त इंडियन आर्मी के एक खास यूनिट को नई दिल्ली हेडक्वार्टर से आदेश दिए गए की जल्द ही वहां कब्जा कर लिया जाए. उस दिन से ही भारत और चीन के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत चल रही है.
विश्वभर में चीन की आलोचना हो रही है, वो अलग-थलग हो गया है. अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, साउथ-ईस्ट एशिया के कई देशों से रिश्ते में खटास आई है. सवाल ये है कि
ब्रिगेड कमांडर लेवल की मीटिंग चौथी बार चल रही है, जिसमें भारत चीन को बार-बार ये संदेश देने की कोशिश कर रहा है कि ये जमीन भारत की है और भारत को उसकी सुरक्षा का अधिकार है.
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