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वीडियो एडिटर- संदीप सुमन
कैमरा- अतहर राथर
आजादी-आजादी के नारों पर यहां बड़ी आपत्ति है, लेकिन एक अमेरिकी रिपोर्ट की मानें तो वाकई हम आजाद से थोड़े ‘कम आजाद’ हो गए हैं. दरअसल, फ्रीडम हाउस नाम की एक संस्था ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि भारत एक स्वतंत्र देश से 'आंशिक रूप से स्वतंत्र' देश में बदल चुका है. मतलब India ‘free’ से ‘partly free’ कैटेगरी में आ गया है. जिन लोगों की 'मेहनत' की वजह से ये हुआ है उनसे हम पूछ रहे हैं जनाब ऐसे कैसे?
भारत में पिछले कुछ वक्त से लोकतंत्र और फ्रीडम ऑफ स्पीच को लेकर खूब चर्चा हो रही है. मोदी सरकार पर लेकर विपक्षी नेता, समाजिक कार्यकर्ता और आम लोग लगातार ये आरोप लगाते आए हैं कि पिछले 7 सालों में बोलने की आजादी पर अंकुश लगा है और लोकतांत्रिक मूल्यों का पालन नहीं हो रहा.
ये रिपोर्ट सिर्फ एक संस्था की होती तो गनीमत थी, लेकिन दिक्कत ये है कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने बाइडेन शासन की विदेश नीति पर अपने पहले अहम भाषण में इस रिपोर्ट का जिक्र कर दिया. उन्होंने भारत का नाम नहीं लिया लेकिन रिपोर्ट का नाम ले लेने से इसलिए अहमियत बढ़ गई है.
एक प्रेस रिलीज में, फ्रीडम हाउस ने कहा है -
इस रिपोर्ट में लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की परेशानी और एंटी सीएए प्रदर्शनकारियों पर एक्शन का भी जिक्र है. रिपोर्ट में लिखा है कि सरकार की तरफ से लागू किया गया अनप्लांड लॉकडाउन खतरनाक था. इस दौरान लाखों प्रवासी मजदूरों को पलायन का सामना करना पड़ा.
हां, आप इस बात से खुश हो सकते हैं कि रिपोर्ट में चीन की सबसे खराब रेटिंग और ट्रंप के अमेरिका की भी खिंचाई की गई है.
चलिए कुछ और रिपोर्ट भी दिखाते हैं, जहां हमारी जगहंसाई हुई है. इससे पहले Human Freedom Index 2020 रैकिंग में भी भारत 17 पायदान नीचे चला गया.
Human Freedom Index 2020 साल 2008-2018 के आंकड़ों के आधार पर जारी की गई है. मतलब पिछली सरकारों पर भी सवाल बनता है.
एक और है. दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत इसी साल फरवरी में आए डेमोक्रेसी इंडेक्स की रैंकिंग रिपोर्ट में दो रैंक नीचे फिसल गया है.
हां, खुश होने की एक वजह हो सकती है, हम अपने कुछ पड़ोसी लेस डेमोक्रेटिक देशों से ऊपर तो हैं.
थोड़ा पीछे चलेंगे तो पता चलेगा कि वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स 2020 के मुताबिक भारत 180 देशों की लिस्ट में 142वें नंबर पर पहुंच गया है. साल 2016 में भारत इसी रैंकिंग में 133 पर था. लेकिन अब 142 पर है..
तो हो लीजिए खुश...
आप भले ही इन रिपोर्ट्स को नकार दें, कह दें कि विदेशी चाल है, लेकिन जब यही रिपोर्ट आपकी रैंकिंग बेहतर बताती थी तब सीना चौड़ा कर के जय हो जय हो के नारे लगाते थे. ऐसे में हम तो पूछेंगे जनाब ऐसे कैसे हुआ? आगे जनाब ऐसे कैसे चलेगा?
पिछला जनाब ऐसे कैसे का एपिसोड यहां देखें
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