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JAMIA, JNU, AMU ‘’हमें बदनाम करने वालों को तमाचा है अच्छी रैकिंग’’

शिक्षा मंत्रालय के शीर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सूची में इन तीनों विश्वविद्यालयों को टॉप चार में जगह मिली है

ऐश्वर्या एस अय्यर & एंथनी रोजारियो
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केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सूची में इन तीनों विश्वविद्यालयों को टॉप चार में जगह मिली है
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केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सूची में इन तीनों विश्वविद्यालयों को टॉप चार में जगह मिली है
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

जामिया मिल्लिया इस्लामिया पर ‘एंटी नेशनल’, JNU पर 'वामपंथी आतंकियों' का अड्डा और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी पर ‘आतंकियों का जमावड़ा’ लेबल लगते आया है. लेकिन शिक्षा मंत्रालय के शीर्ष भारतीय केंद्रीय विश्वविद्यालयों की सूची में इन तीनों विश्वविद्यालयों को टॉप चार में जगह मिली है. जामिया की रैंकिंग 1, JNU की रैंकिंग 2 और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की रैंकिंग 4 है. ऐसे में वहां के छात्रों का कहना है कि ये उन्हें जवाब है जो इन यूनिवर्सिटीज को इस तरह का लेबल देते हैं.

15 दिसंबर 2019 को दिल्ली में CAA के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच दिल्ली पुलिस ने कथित रूप से हिंसक उपद्रवियों को गिरफ्तार करने के लिए जामिया में प्रवेश किया और लाइब्रेरी के अंदर छात्रों को पीटा.

जामिया के छात्रों का कहना है कि ये उन लोगों के लिए एक तमाचा है जो विश्वविद्यालय के खिलाफ नफरत फैलाते हैं.

15 दिसंबर की घटना को देखते हुए यूनिवर्सिटी परिसर में तोड़फोड़ और जामिया में लाइब्रेरी के अंदर दिल्ली पुलिस ने जो हिंसा की, मैं खुद उसका शिकार था. ये नंबर 1 रैंक सरकार को सीधा जवाब है, जो नफरत फैलाते हैं और आरोप लगाते हैं कि जामिया आतंकियों का एक केंद्र है, जहां छात्र हिंसा करते हैं.
आदि अल हसन, छात्र, JMI
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AMU में भी, दिंसबर 2019 में जामिया के छात्रों के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे छात्रों की पुलिस से झड़प के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस परिसर में घुस गई और छात्रों के साथ मारपीट और लाठीचार्ज किया. छात्रों पर आंसू गैस के गोले दागे गए.

हमारी यूनिवर्सिटी को हमेशा विवादों के दायरे में लाया गया है. हमारे यूनिवर्सिटी को क्या नहीं बुलाया गया है. लेकिन हमने दिखा दिया कि हमारी यूनिवर्सिटी बुद्धिजीवी पैदा करती है, ना कि आतंकी.
अरीबा, छात्र, AMU

5 जनवरी को, नकाबपोश भीड़ ने JNU में घुसकर हॉस्टल फीस बढ़ाने के यूनिवर्सिटी के फैसले का विरोध कर रहे छात्रों पर हमला किया, जिसमें कई छात्र नेता घायल हो गए.

JNU छात्र, सादत हुसैन कहते हैं कि पिछले 4-5 सालों से, जेएनयू यूनिवर्सिटी रैंकिंग में सबसे ऊपर ही रहता है. इसके बावजूद लोगों के बीच धारणा अभी भी 2015-2016 वाली ही है. इसलिए, मुझे नहीं लगता कि जेएनयू की वर्तमान रैंकिंग यूनिवर्सिटी की छवि सुधार पाएगी.

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