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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
मिशन चंद्रयान-2 को लगे झटके के बावजूद ISRO के बाकी मिशन जोर-शोर से जारी रहेंगे. देश की प्रीमियर स्पेस एजेंसी आने वाले सालों में अंतरिक्ष के महत्वाकांक्षी मिशन के लिए तैयारियां कर रही है. जिनमें मिशन वीनस(शुक्र), मार्स (मंगल), सन(सूर्य) और मानवीय मिशन शामिल हैं.
इस मिशन का मकसद सूर्य के कोरोना की स्टडी है. 1500 किलो की सैटेलाइट धरती से करीब 1.5 मिलियन किमी दूर धरती और सूर्य के बीच बराबर ग्रेविटेशनल पॉइंट पर पहुंचाना है. NASA आदित्य L1 के साथ अपना पेलोड भी भेजगा.
भारत की दूसरी स्पेस ऑब्जरवेट्री एस्ट्रोसैट 2 नए ग्रह की खोज और अंतरिक्ष उत्पत्ति के अध्ययन के लिए पहला मल्टी वेवलेंथ स्पेस टेलीस्कोप पहुंचाएगा.
2021 तक ISRO का पहला मानवीय मिशन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजेगा. अंतरिक्ष यात्रियों की पहली ट्रेनिंग सितंबर 2019 में पूरी होगी. इस मिशन के जरिये पृथ्वी के लोवर ऑर्बिट में स्पेसक्राफ्ट भेजा जाएगा, जो करीब 7 दिन तक धरती से 300 से 400 किलोमीटर दूर ऊपर चक्कर लगाएगा. इस मिशन की लागत करीब 9000 करोड़ रुपये है. ISRO इस मिशन के लिए कई टेक्नोलॉजी डेवलप करेगा. जैसे, रि-एंट्री कैपबलिटी/क्रू एस्केप प्लान/क्रू मोड्यूल कन्फिगरेश/ थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम/डिक्लेरेशन/फ्लोटिंग सिस्टम.
शुक्रयान-1 मिशन शुक्र ग्रह की पड़ताल और चमकीले एक्स-रे सोर्स के ध्रुवीकरण का अध्ययन करेगा. हो सकता है कि ISRO फ्रांस की स्पेस एजेंसी CNES के साथ मिलकर इस मिशन पर काम करे. ये फ्लाई-बाय मिशन के जरिये शुक्र ग्रह के करीब 'हाइली-इन्क्लाइन्ड' ऑर्बिट पर सैटेलाइट पहुंचाया जाएगा. इस मिशन में शुक्र ग्रह की सतह, वातावरण और सोलर विंड के साथ क्रिया-प्रतिक्रिया का अध्ययन करेगा.
देश का दूसरा मंगल मिशन मंगलयान 2 करीब 2023-24 के बीच भेजा जाएगा. इस मिशन में एरोब्रेकिंग की तकनीक से लाल ग्रह पर लैंड करने की कोशिश की जाएगी.
देश का अगला मून मिशन जापान की स्पेस एजेंसी JAXA के साथ मिलकर होगा. इस मिशन में जापान लॉन्च व्हीकल, रोवर बनाएगा और ISRO लैंडर बनाएगा.
जून में ISRO अध्यक्ष के सिवन ने ये भी कहा था कि ISRO जल्द ही स्पेस स्टेशन बनाने पर भी काम करेगा.
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