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वीडियो एडिटर- मोहम्मद इब्राहीम
वीडियो प्रोड्यूसर- कनिष्क डांगी
झारखंड के घाटशिला के एक स्कूल पर देशद्रोह का आरोप लग रहा है. दरअसल, स्कूल ने एलकेजी और यूकेजी के बच्चों को पाकिस्तान और बांग्लादेश का राष्ट्रगान याद करने को कहा था, जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया. राजनीतिक और धार्मिक संगठनों ने स्कूल पर देशद्रोह तक का आरोप लगा दिया. साथ ही कई सारे अभिभावक ने भी इस टास्क पर आपत्ति जताई है. हालांकि, स्कूल की अपनी अलग दलील है.
दरअसल, कोरोना वायरस को देखते हुए देश में तमाम स्कूल और कॉलेज बंद हैं, ऐसे में स्कूल बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लास जैसी सुविधा दे रहे हैं. इसके लिए छात्र-छात्राओं के वाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं. इसी को देखते हुए घाटशिला के संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर (एसएनवीएम) की एक टीचर ने बच्चों को तीन अलग-अलग ग्रुप में बांटकर भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के राष्ट्रगान को तैयार करने का टास्क दिया.
लेकिन जैसे ही ये बात बच्चों के अभिभावक को पता चली उन्होंने विरोध जताया. देखते देखते मामला इतना तूल पकड़ने लगा कि झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने जांच के आदेश दे दिए. साथ ही उन्होंने इस मामले को देशद्रोह से जुड़ा हुआ कह दिया.
इस मामले के बाद स्कूल के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है. संत नंदलाल स्मृति विद्या मंदिर के निलंबित प्रिंसिपल संजय कुमार मलिक ने बताया,
अब सवाल है कि क्या बच्चों को पड़ोसी देशों का राष्ट्रगान याद कराना राष्ट्रद्रोह है? रांची हाईकोर्ट के वकील अखिलेश श्रीवास्तव बताते हैं कि किसी देश का राष्ट्रगान या कुछ भी हिंदुस्तान के बच्चे या लोग सीखते हैं तो इसपर 124A देशद्रोह का मुकदमा नहीं बनता है. किसी भी देश के बारे में जानने देशद्रोह नहीं है.
स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि जहां तक देशभक्ति की बात है तो वो खुद वायुसेना से रिटायर्ड अफसर हैं.
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