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5 जनवरी की शाम को जेएनयू में नाकाबपोशों की एक भीड़ ने यूनिवर्सिटी कैंपस में भारी हिंसा की. हमलावर कैंपस में अगल-अलग हॉस्टल में घुसे और जमकर तोड़-फोड़ की और छात्रों के साथ हिंसा की. कई छात्र बुरी तरह से घायल हुए हैं, जिनको हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है. क्विंट ने जवाहर लाल यूनिवर्सिटी में जाकर उन हॉस्टल का जायजा लिया, जहां ये हिंसा की गई. हमने छात्रों से भी बात की.
जेएनयू में रहकर पश्तून की पढ़ाई करने वाले छात्र रहमान मिर्जा ने क्विंट से बात की और बताया की जेएनयू में 5 जनवरी की शाम को क्या हुआ-
जेएनयू में पिछले 5 दिनों से हालात तनावपूर्ण रहे हैं. फीस बढ़ोतरी के मुद्दे पर कई दिनों से प्रदर्शन चल रहा है. कई छात्र अपनी मांग पर अड़े हुए थे और धरना दे रहे थे. नए सेमेस्टर में रजिस्ट्रेशन के लिए आखिरी डेट 5 जनवरी की थी. इन्हीं मुद्दों को लेकर लेफ्ट और राइट विंग के छात्रों आमने-सामने थे. लेफ्ट फीस बढ़ोतरी के खिलाफ था और फीस घटाने की मांग पर अड़ा था. वहीं एबीवीपी विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ था.
मौके पर मौजूद जेएनयू छात्रों ने क्विंट को बताया कि कई प्रोफेसर्स को गुंडों ने लोहे की रॉड और लाठियों से पीटा. छात्र ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जो लोग वहां आए थे उनकी आंखों में आतंक दिख रहा था.
साबरमती हॉस्टल के कई कमरों में जमकर तोड़फोड़ हुई. पहली मंजिल पर स्थित एक कमरे का हाल देखिए.
जेएनयू के छात्र इस हादसे के बाद बेहद हुए हैं. उनका कहना है कि अब वो कैंपस छोड़कर घर जा रहे हैं. छात्रों का कहना है कि ‘हमारी खुद की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है’
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सेक्रेट्री मनीष जांगीड़ का आरोप है कि हिंसा लेफ्ट से जुड़े हुए छात्रों ने की है.
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