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एक साल से भी कम समय पहले, 26 साल के मंजीत की मौत हो गई थी. उनके पिता मुख्तियार सिंह उनका डेथ सर्टिफिकेट दिखाते हुए कहते हैं कि मंजीत की मौत ड्रग्स की वजह से हुई थी.
भारत-पाकिस्तान बॉर्डर से सटे तरन तारन डिस्ट्रिक्ट के लिए ड्रग्स और ड्रग्स के कारण मौत कोई छुपी हुई बात नहीं है.
भारत में पंजाब ड्रग्स सेवन करने वालों की लिस्ट में सबसे ऊपर है. यही वजह थी कि 2016 में पंजाब की ड्रग समस्या पर 'उड़ता पंजाब' नाम की फिल्म बनी थी.
और अब मुख्तियार सिंह ड्रग्स की समस्या से लड़ने वाले योद्धा के रूप में उभरे हैं. मुख्तियार पंजाब के युवा को नशे से बचाने के लिए 'कफन बोल पेया' नाम का अभियान चला रहे हैं.
मार्च, 2016 में मुख्तियार ने अपने मरे हुए बेटे की लाश के साथ एसडीएम ऑफिस पर धरना दिया था.साथ ही पीएम नरेंद्र मोदी को खत लिख कर यह अपील की थी कि पंजाब के बच्चों को ड्रग्स और नशे से बचाएं. लेकिन मुख्तियार का कहना है कि उनकी चिट्ठी अभी तक नरेंद्र मोदी तक नहीं पहुंची है.
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