Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019फिर कोई उदयपुर हत्याकांड न हो, क्या इसके लिए हम तैयार हैं?

फिर कोई उदयपुर हत्याकांड न हो, क्या इसके लिए हम तैयार हैं?

Yeh Jo India Hai Na उसे उदयपुर में कन्हैया लाल की दिल दहलाने वाली हत्या ने पूरी तरह से हिला दिया है.

रोहित खन्ना
वीडियो
Updated:
<div class="paragraphs"><p>उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या</p></div>
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उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या

(फोटो: Altered by Quint Hindi)

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ये जो इंडिया है ना… उसे उदयपुर में कन्हैया लाल की दिल दहलाने वाली हत्या ने पूरी तरह से हिला दिया है. पहले से योजना बनाकर हत्या की गई, वीडियो बनाया गया और फिर सोशल मीडिया पर शेयर किया गया, ताकि इसे देखने या सुनने वालों में खौफ और आतंक पैदा हो सके.

ये हेट क्राइम और हेट स्पीच के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक बुरी हार है. और ये लड़ाई हम तब तक हारते रहेंगे, जब तक कि हम सभी बिना किसी डर या पक्षपात के नफरत से लड़ने का संकल्प ना कर लें, सभी तरह की नफरत के लिए जीरो टॉलरेंस के साथ.

क्विंट, और अधिकांश न्यूज मीडिया आउटलेट्स ने वीडियो को नहीं दिखाने का सही फैसला लिया, क्योंकि इससे और नफरत फैलेगी, जो कि दोनों हत्यारों का इरादा था. कई देशवासियों ने हत्या की निंदा की है, और अपील की है, कि हम क्रूर हत्या से भड़काए ना जाएं . क्रिकेटर इरफान पठान ने पोस्ट किया- कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस धर्म के हैं. एक निर्दोष जिंदगी को चोट पहुंचाना पूरी मानवता को चोट पहुंचाने जैसा है.

@DrGauravGarg4 - सभी धर्मों के लोग इसकी निंदा कर रहे हैं. यही भारत की आत्मा है. @ArhamAliKhan13 ने कहा- अखलाक हो या कन्हैया लाल, नफरत का सिलसिला खत्म होना चाहिए. मैं सभी भारतीयों से अपील करता हूं कि इस नफरत के चक्र का हिस्सा न बनें. टाइम्स ऑफ इंडिया के कार्टूनिस्ट संदीप अध्वर्यु ने ये तस्वीर बनाई कि हम इंसान के रूप में अब कैसे और पीछे जा रहे हैं.

अजमेर दरगाह के दीवान ने कहा है कि भारत के मुसलमान कभी भी 'तालिबानी' मानसिकता को स्वीकार नहीं करेंगे.
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दुर्भाग्य से इन समझदार आवाजों के साथ-साथ, उदयपुर हत्या के बाद, सोशल मीडिया पर काफी नफरत भी फैल रही है, खास कर मुस्लिम विरोधी नफरत, जो एक बार फिर नफरत के चक्र को बढ़ावा दे रही है. और हम जानते हैं कि कन्हैया लाल के हत्यारों का इरादा और भारत की नफरत ब्रिगेड की मंशा एक जैसी ही है.

जो सवाल हमें खुद से पूछना चाहिए वो ये है कि - सभी नफरती लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हमारे पास राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी क्यों है? पॉलिटिकल विल की कमी क्यों है ? एक बार फिर, जैसे कि हम कई वीडियोज में कर चुके हैं, यति नरसिंहानंद की बात करते हैं. उन्होंने दिसंबर 2021 में हरिद्वार में हेट स्पीच दी थी, कुछ दिनों के लिए गिरफ्तार हुए, जमानत पर रिहा हुए. उसके बाद उन्होंने और ज्यादा हेट स्पीच दिए, खुलेआम मुसलमानों के खिलाफ हिंसा का आह्वान किया, मोदी सरकार को खुलेआम गाली दी, वो वीडियो वायरल हुए, यानी उन्होंने अपनी जमानत की शर्तों का उल्लंघन बार-बार किया. फिर भी वो आजाद हैं.

सुदर्शन टीवी के प्रमुख सुरेश चव्हाणके के भी कई वीडियो हैं, जो बड़ी संख्या में लोगों को शपथ दिलाते हैं, जिसमें खुले तौर पर मुसलमानों के खिलाफ हिंसा की बात की जाती है. लेकिन भारत के हेट गैंग के कई सदस्यों के साथ-साथ वो भी आजाद हैं.

एक और दोहरे मापदंड के मामले पर कई लोग आजकल सवाल उठा रहे हैं... जहां पत्रकार मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तार किया गया है, वहीं, बीजेपी की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई है ? जुबैर को 4 साल पुराने एक व्यंग्य वाले ट्वीट के लिए क्यों गिरफ्तार किया गया, जबकि नूपुर शर्मा की prophet मोहम्मद के खिलाफ अभद्र भाषा पर कोई गिरफ्तारी नहीं हुई? जब तक हम कानून को समान रूप से लागू नहीं करेंंगे तब तक नफरत का चक्र चलता रहेगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 01 Jul 2022,01:58 PM IST

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