Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019कसाब की फांसी का गुप्त संदेश,जानिए प्रोजेक्ट X का पूरा राज

कसाब की फांसी का गुप्त संदेश,जानिए प्रोजेक्ट X का पूरा राज

कानूनी तरीके से कसाब को फांसी दी गई, लेकिन बोरवांकर मानती हैं कि फांसी के तरीके में बदलाव की जरूरत है   

पूनम अग्रवाल
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26/11 हमले का दोषी था कसाब
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26/11 हमले का दोषी था कसाब
(फोटो: Lijumol Joseph/The Quint)

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26/11 के दोषी कसाब की फांसी याद है आपको. यह फांसी 21 नवंबर 2012 को हुई थी. ये फांसी महाराष्ट्र की पूर्व आईजी (जेल) मीरां चड्ढा बोरवणकर की निगरानी में दी गई थी. द क्विंंट को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मीरां चड्ढा ने बताया कि वो इस मिशन को PROJECT X नाम देने की कोशिश कर रहे थे .

पूर्व आईजी ने कहा, "हम मिशन को नाम देने की कोशिश कर रहे थे. किसी ने कहा कि सर, हम आपको एक मैसेज देंगे कि सनसेट हो गया, जिसका मतलब है फांसी दे दी गई. तो वो काफी गुस्सा हो गए. उन्होंने कहा, मुझे ये नाम पसंद नहीं है, इसका नाम बदला जाए. तब हमने सोचा कि हम इसे PROJECT X नाम देंगे."

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मैं उस समय के गृहमंत्री आरआर पाटिल से पूछती थी कि क्या होगा, अगर लोगों को पता चल भी गया तो? उन्हें लगता था कि कोई अंतरराष्ट्रीय संस्था इस मामले में दखल दे सकती है. उन्होंने मुझे कहा, मैं अपना फोन जेल के अंदर ले जाऊंगी. मैंने कहा, इजाजत तो नहीं है, लेकिन ये एक सीक्रेट मिशन है, इसलिए मैं ले जाऊंगी, क्यों?’
मीरां चड्ढा बोरवणकर, पूर्व आईजी (जेल), महाराष्ट्र
उन्होंने कहा, एक SMS ड्राफ्ट में तैयार रखना कि Project X सफल रहा. जैसे ही मिशन पूरा हो SMS भेज देना. वो जरा भी समय बर्बाद नहीं होने देना चाहते थे.
मीरां चड्ढा बोरवणकर, पूर्व आईजी (जेल), महाराष्ट्र

क्या फांसी के बाद SMS भेजा?

पूर्व आईजी ने बताया कि उन्होंने योजना के मुताबिक ऐसा ही किया. हालांकि उन्हें ये बात याद नहीं कि मैसेज भेजने के बाद वापस कोई जवाब आया था या नहीं. बोरवणकर ने कहा कि जब उन्होंने जेल के नियम देखे, तो पता चला कि मजिस्ट्रेट को जानकारी देना जरूरी है.

मुझे ये भी नहीं मालूम था कि ऐसे संवेदनशील मामलों में पहले कुछ तैयारियां करना जरूरी हैं. जैसे कि जिसे फांसी दी जा रही है, उसकी ऊंचाई और वजन के बराबर का एक रेत का मॉडल बनाकर पहले तैयारी की जानी चाहिए.
मीरां चड्ढा बोरवणकर, पूर्व आईजी (जेल), महाराष्ट्र

बोरवणकर ने बताया कि पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच कसाब को ऑर्थर रोड जेल से यरवदा जेल भेजा गया था. काफी गोपनीयता के बावजूद एक पत्रकार को इसकी भनक लग गई थी.

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Published: 22 Nov 2017,03:39 PM IST

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