Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019एनकाउंटर के बीच बेधड़क तस्वीर खींचती हैं ये कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट

एनकाउंटर के बीच बेधड़क तस्वीर खींचती हैं ये कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट

कश्मीर की दो महिला फोटोजर्नलिस्ट की दमदार कहानी

वत्सला सिंह
वीडियो
Updated:
कश्मीर की महिला जर्नलिस्ट
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कश्मीर की महिला जर्नलिस्ट
(फोटो: क्विंट)

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कैमरा: सैयद शहरयार

वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया

18 मई को मसरत जेहरा ने फेसबुक पर एक तस्वीर अपलोड की. वो कश्मीर के शोपियां में आर्मी के एक ऑपरेशन को कवर कर रही थीं. किसी दोस्त ने उनकी तस्वीर खींच ली थी. कुछ घंटों के भीतर वो फोटो वायरल हो गई. जिसके बाद शुरू हुआ धमकियों और गालियों का सिलसिला.

जेहरा की तस्वीर को ‘मुखबिर’ के ठप्पे के साथ शेयर किया गया.

28 जुलाई 2017 की तस्वीर. स्कूली बच्ची पैलेट गन थामे जवान को देखती हुई(फोटो: मसरत जेहरा)
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कश्मीर में लोगों को आदत नहीं है एनकाउंटर के बीच महिला फोटोजर्नलिस्ट को देखने की. ये उनके लिए नया था. उन्होंने सोचा कि मैं मुखबिर हूं. उन्होंने मुझ पर ठप्पा लगा दिया. इस बात ने मुझे काफी परेशान किया. मैं डिप्रेशन में चली गई.
मसरत जेहरा, फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट

कश्मीर घाटी में सालों से संघर्ष जारी है. यही वजह है कि कई लोगों ने कलम और कैमरा उठा कर चीजों को रिपोर्ट करना शुरू किया है. बुलेटप्रूफ जैकेट, प्रेस हेलमेट और कैमरे के साथ दिखते पुरुष आम हैं लेकिन अब महिलाएं भी इस फील्ड में सामने आ रही हैं.

मुझे लगता है कि महिलाओं के नजरिए से भी कॉन्फ्लिक्ट को देखा जाना चाहिए
मसरत जेहरा, फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट

पाबंदियां और पूछताछ

मसरत की तरह सना इरशाद मट्टू भी एक फोटोजर्नलिस्ट हैं. वो दो साल से एनकाउंटर, टकराव और जनाजे कवर कर रही हैं.

पत्थरबाजों और पुलिस का आमना-सामना(फोटो: सना इरशाद मट्टू)

वो एक घटना के बारे में याद करते हुए बताती हैं, “मैं कर्फ्यू के दौरान श्रीनगर में शूट कर रही थी. एक पुलिसवाले ने मुझसे आकर पूछा कि मैं क्या कर रही हूं. उन्होंने मुझसे आईकार्ड मांगा और मुझे शूट करने से रोक दिया. पुलिस के साथ मेरा तजुर्बा अच्छा नहीं रहा. इस तरह की पाबंदियां और पूछताछ अब आम हो चुके हैं.”

सना मानती हैं कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप पुरुष हैं या महिला. सिर्फ काम से फर्क पड़ता है. मसरत के मुताबिक वो फील्ड में इस बारे में नहीं सोचतीं कि वो लड़की हैं.

मसरत, कश्मीर यूनिवर्सिटी में जर्नलिज्म पढ़ रही हैं, साथ ही वो फ्रीलांस फोटोजर्नलिस्ट भी हैं. (फोटो: सैयद शहरयार)
24 साल की सना दो साल से घाटी में बतौर फोटोजर्नलिस्ट तमाम घटनाएं कवर कर चुकी हैं.(फोटो: सैयद शहरयार)

सना और मसरत कॉन्फ्लिक्ट जोन में मेहनत से काम कर रही हैं. वो विरोध-प्रदर्शन से लेकर एनकाउंटर तक सब शूट करती हैं. कश्मीर घाटी में अब भी महिला फोटोजर्नलिस्ट को देखना और उनके काम को समझना लोगों के लिए थोड़ा नया है.

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Published: 25 May 2018,02:20 PM IST

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