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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज
पठानकोट की विशेष अदालत ने सोमवार 10 जून को कठुआ रेप और मर्डर केस में फैसला सुनाया. जज तेजविंदर सिंह ने सात आरोपियों में से छह को दोषी करार दिया जबकी सातवें आरोपी विशाल जंगोत्रा को बरी कर दिया. मास्टरमाइंड सांजी राम के नाबालिग भतीजे को भी मामले में आरोपी बनाया गया था. लेकिन उसकी उम्र कम होने की वजह से उसे इस अदालत में पेश नहीं किया गया.
सांजी राम कठुआ केस का मास्टरमाइंड था. सांजी ने बकरवालों को इलाके से भगाने के लिए ये खौफनाक साजिश रची थी. उसी ने वारदात को अंजाम देने के निर्देश दिए थे. पुलिसवालों को सबूत छिपाने के लिए पैसे भी दिए थे.
उम्र कैद की सजा मिली
उसे रणबीर पीनल कोड (RPC) की धारा 302 (हत्या), 376-D (गैंगरेप) और 120-B (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया.
दीपक खजूरिया शुरू से ही साजिश में शामिल था. अपराध को छिपाने में भी इसकी भूमिका थी. इसी ने नाबालिग को अपहरण के लिए बहकाया. बच्ची को नशीली दवा दी और रेप किया. बच्ची का गला दबाने की भी कोशिश की.
उम्र कैद की सजा मिली
खजूरिया को RPC की धारा 302 (हत्या), 376-D (गैंगरेप) के तहत दोषी ठहराया गया.
परवेश सांजी राम के भतीजे का दोस्त है. इसी ने बच्ची का अपहरण कर उसे बंधक बनाया. बच्ची के साथ रेप किया. परवेश मर्डर के समय भी मौजूद था.
उम्र कैद की सजा मिली
परवेश को RPC की धारा 302 (हत्या) और 376-D (गैंगरेप) के तहत दोषी ठहराया गया
सुरेंद्र कुमार पर सबूतों से छेड़छाड़ और आरोपियों को बचाने की कोशिश का आरोप था. उसे RPC की धारा 201 (सबूतों से छेड़छाड़) के तहत दोषी ठहराया गया है.
पांच साल की कैद मिली
आनंद दत्ता पर पैसे लेकर मामला दबाने की कोशिश का आरोप था. इसने जांच को भटकाने की कोशिश भी की. सबूत मिटाने के लिए बच्ची के कपड़े धोए और दूसरे सबूत भी छिपाए या नष्ट किए.
पांच साल की कैद मिली
दत्ता को RPC की धारा 201 (सबूतों से छेड़छाड़) के तहत दोषी ठहराया गया
तिलक राज ने सांजी राम से पैसे लेकर आनंद दत्ता तक पहुंचाए. सबूत मिटाने के लिए बच्ची के कपड़े धोए. दूसरे सबूत भी छिपाए या नष्ट किए.
पांच साल की कैद मिली
तिलक राज को RPC की धारा 201 (सबूतों से छेड़छाड़) के तहत दोषी ठहराया गया.
नोट-इंडियन पीनल कोड जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होता है. इंडियन पीनल कोड की तरह ही वहां रणबीर पीनल कोड का पालन होता है.
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