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वीडियो: मोहम्मद इरशाद आलम
कैमरा: ऐश्वर्या एस अय्यर
लिंचिंग के शिकार हुए रकबर की पत्नी असमीना बिस्तर पर लाचार पड़ी हैं. जब मैं उनसे मिलने हरियाणा के टपकन गांव पहुंची तो वो अपनी सबसे छोटी बेटी से कहती हैं कि- 'मनसीरा, तुम्हारे पापा कहां है... बताओ इन्हें... कहां है तुम्हारे पापा? '
20 जुलाई, 2018 को गौरक्षकों ने रकबर खान को पकड़ कर बुरी तरह पीटा. अपनी जिंदगी की भीख मांगने के बावजूद रकबर को बेरहमी से पीटा गया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उनकी पसलियों में 15 चोटें आईं थीं, जिसके कारण सदमे से उनकी मौत हो गई. रकबर की मौत का 5 महीने तक शोक मनाने(इद्दत) के बाद असमीना ने जब पहली बार घर के बाहर कदम रखा तो उन्हें एक और झटके का सामना करना पड़ा.
रकबर खान के पिता कोर्ट की हर सुनवाई में मौजूद रहते हैं. उनका कहना है कि पहले पुलिस की तरफ से ढिलाई बरती जा रही थी लेकिन अब सब ठीक चल रहा है.
रकबर के भाई असलम रकबर की लिंचिग के गवाह भी हैं. उन्हें और उनके पिता को कई बार धमकियां भी मिल चुकी हैं.
असलम जो खुद एक मजदूर हैं, वो रकबर के साथ उनकी गाय वापस लाने के लिए घटना के दिन उनके साथ गए थे. उन्हें भी आरोपियों में से एक ने रोका लेकिन वो किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर भाग आए और कहीं झाड़ियों में छुप गए. वहां छुपकर उन्होंने देखा कि रकबर को बुरी तरह पीटा जा रहा है.
असलम का कहना है कि-
4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. कथित रूप से उनमें से एक हमलावर VHP नेता नवल किशोर को गवाह के तौर पर पेश किया गया था.
असलम का कहना है कि-
असलम और सुलेमान(रकबर के पिता) को कई बार धमकियां मिल चुकी है, इसपर असलम कहते हैं कि अब वो गांव के बाहर नहीं जाते हैं, उन्होंने मजदूरी छोड़ दी है जिसकी वजह से उनकी आर्थिक हालात खराब चल रही है. उनपर कर्ज का बोझ बढ़ गया है.
इस परिवार की इंसाफ की लड़ाई जारी है...
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