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अभी हाल ही में मध्य प्रदेश के सागर जिले में डॉक्टर हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय अमेरिका के एक विश्वविद्यालय के साथ वेबिनार करने वाला था, लेकिन वेबिनार से ठीक पहले हरि सिंह गौर विश्वविद्यालय ने कार्यक्रम से दूरी बना ली. वजह था आरएसएस का छात्र संघ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP). दरअसल, ABVP को वेबिनार के गेस्ट प्रोफेसर अपूर्वानंद और CSIR के पूर्व चीफ साइंटिस्ट गौहर रजा से दिक्कत थी. जिस वजह से एबीवीपी ने पुलिस में शिकायत की थी.
शिकायत में कहा गया था कि वेबिनार में शामिल होने वाले वक्ता गौहर रजा और प्रोफेसर अपूर्वानंद राष्ट्रविरोधी मानसिकता के हैं और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं.
क्विंट ने प्रोफेसर अपूर्वानंद और गौहर रजा से बात की और उनका पक्ष समझने की कोशिश की. प्रोफेसर अपूर्वानंद ने बताया,
एबीवीपी ने पुलिस को लिखी अपनी चिट्ठी में कहा था कि, CSIR के पूर्व चीफ साइंटिस्ट गौहर रजा ने अफजल प्रेमी नाम से एक कविता लिखी है. जब हमने गौहर रजा से इसके बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, "मैंने अफजल गुरु पर कभी कविता नहीं लिखी. इसी झूठ फैलाने की वजह से जी न्यूज को एक लाख का जुर्माना देना पड़ा था. हिंदी और इंग्लिश में माफीनामा देना पड़ा था. लेकिन कुछ लोग बार-बार इस झूठ को फैलाते रहते हैं."
अपूर्वानंद इसी बात पर कहते हैं कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के अलग-अलग संगठन विवाद शुरू करते हैं. ये लोग नजर बनाए रहते हैं कि कैसे विवाद हो.
अपूर्वानंद कहते हैं कि गौहर रजा ने अफजल पर कविता नहीं लिखी, लेकिन अगर किसी ने शिकायत की है तो यूनिवर्सिटी को आरोपों पर छानबीन करनी चाहिए थी, लेकिन न पुलिस ने आरोपों की जांच की न ही यूनिवर्सिटी ने. इन लोगों को तरीका है कि चीजों को और लोगों को विवादास्पद बनाना. ABVP ने ये तरीका बना लिया है कि सेमिनार से लेकर अलग-अलग कार्यक्रम में हस्तक्षेप करना. पिछले 7 सालों में कई स्पीकर के बोलने पर रोक लगाई गई है."
गौहर रजा अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देते हुए कहते हैं कि वैज्ञानिक चेतना पर होने वाले कार्यक्रमों को रोकना असली देश विरोधी काम है. आगे वो बताते हैं, "अगर किसी की कविता से परेशानी है तो उसका जवाब कविता से दिया जाना चाहिए. अगर पेंटिंग पसंद नहीं है तो उसका जवाब पेंटिंग से दिया जाए. लेकिन अगर किसी की बात पसंद नहीं है तो इसका मलतब ये नहीं कि किसी की जान ले ली जाए."
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