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MP: गौ-सेवा की वजह से मरजीना बानो का बहिष्कार,लोग कहते हैं 'काफिर'

मरजीना बानो के मुहल्ले में कोई भी शादी या अन्य सामाजिक कार्यक्रम होता है तो उन्हें बुलाया नही जाता है.

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Madhya Pradesh: गौ-सेवा करने की वजह से मरजीना बानो के समाज के लोग नाराज

(फोटो- क्विंट हिंदी)

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मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर जिले में रहने वाली मरजीना बानो एक ऐसी गौ सेवक हैं, जिन्होंने इसके लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया. मरजीना बानो मुस्लिम समुदाय से संबंध रखती हैं. आरोप है कि इसी वजह से उनके समुदाय यानी की मुस्लिम समाज के लोग अब उनका विरोध करने में लगे हैं. विरोध इतना बढ़ गया है कि अब उनका सामाजिक बहिष्कार शुरू हो गया है. मरजीना बानो की मानें तो उनके धर्म के लोगों ने उन्हें किसी भी धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में बुलाना बंद कर दिया है.

मरजीना बानो के मोहल्ले में कोई भी शादी या अन्य सामाजिक कार्यक्रम होता है तो उन्हें नहीं बुलाया जाता है.

4 साल पहले शुरू की थी गौसेवा

मरजीना बानो बताती हैं कि 4 साल पहले उन्होंने एक नंदी को खाना खिलाया था, जिसके बाद उन्होंने गौसेवा का ये सिलसिला शुरू किया, जो आज तक जारी है. पहले लॉकडाउन में आवारा घूम रहे गौ वंशों की सेवा की और अब यह दिनचर्या में शामिल हो गया है. उनके इस काम में उनकी बेटी जैनम खान भी उनकी मदद करती हैं.

“काफिर हो गई है मरजीना बानो”

मरजीना बानो का कहना है कि उनके समुदाय के लोग अब उन्हें 'काफिर' कहने लगे हैं. मुस्लिम समुदाय में 'काफिर' शब्द का प्रयोग उन लोगों के लिए किया जाता है, जो खुदा में यकीन नहीं रखते.

संबंधित मामले में मरजीना और उनकी बेटी ने 22 नवंबर को छतरपुर कलेक्टर के नाम पर एक जनसुनवाई में शिकायती आवेदन भी दिया था, जिसमें मरजीना ने इस बात का जिक्र किया था कि "उनके साथ उनके मुहल्ले में रहने वाले कुछ लड़के गाली गलोच करते हुए मानसिक रूप से परेशान कर रहे हैं. साथ ही मरजीना ने इस बात का भी जिक्र किया था कि यह लोग उसे समाज से बहिष्कृत करने की धमकी दे रहे हैं और कह रहे हैं कि तुम यह काम करना बंद कर दो वरना तुम्हे समाज से बहिस्कृत करा देंगे."

मामले में सदर शहजाद अली का का कहना है कि "उन्हे संबंधित मामले में कोई जानकारी नहीं है. हमारे धर्म में कुछ जानवरों को छोड़कर अन्य किसी भी जानवर को पालने और उन्हें रखने को लेकर कोई मनाही नहीं है. फिर भी हम संबंधित मामले में जानने की कोशिश कर रहे हैं कि कौन लोग उन्हें परेशान कर रहे हैं."

मरजीना की ओर से छतरपुर कलेक्टर को लिखा गया पत्र

फोटोः क्विंट

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मरजीना ‘नंदी ग्राम’ के नाम से एक गौशाला चलाती हैं, जिसमें लगभग 18 गौ वंश हैं. इसमें गायें, बछड़े और नंदी शामिल है.

गौ शाला में गायों के लिए खाने-पीने से लेकर ठंड से बचने के लिए आग की व्यवस्था भी की गई है. फिलहाल गौ शाला कुछ लोगों के आर्थिक सहयोग और मरजीना अपने निजी खर्चे से चला रही हैं.

परिवार करता है मदद

मरजीना के परिवार में उनकी दो बेटियां और एक बेटा है. उनके पति डॉक्टर हैं. मरजीना बताती हैं कि उनके परिवार के सभी लोग उन्हें गौ सेवा के लिए न सिर्फ सहयोग करते हैं, बल्कि मनोबल भी बढ़ाते हैं. उन्होंने बताया कि उनकी बड़ी बेटी हमेशा गौ सेवा में साथ देती है.

(इनपुट- जय प्रकाश)

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Published: 12 Jan 2023,07:45 AM IST

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