advertisement
ब्लूमबर्ग क्विंट के मध्य प्रदेश इन्वेस्टर्स फोरम में वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से राज्य और देश की मौजूदा राजनीतिक हालात पर द क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया से खास बातचीत की.
दिग्विजय सिंह ने सिटीजनशिप एमेंडमेंट एक्ट पर बात करते हुए मध्य प्रदेश में धारा 144 लगाए जाने को लेकर असहमति जताई. उन्होंने कहा, “बीजेपी शासित राज्यों को जो करना है करें क्योंकि वो ही आंदोलन का विरोध कर रहे हैं. हमारा तो इस एक्ट और एनआरसी को लेकर विरोध है. इसलिए यहां पर विरोध हिंसक नहीं हो सकता है. दिल्ली में ऐसे वीडियो आ रहे हैं कि पुलिस पत्थर फेंक रही है. कश्मीर में पत्थरबाजी तो हमने सुना था लेकिन पुलिस वर्दी में पत्थर फेंक रही है ये पहली बार देख रहे हैं. कांग्रेस का एनआसी और सीएए को लेकर विरोध है. इसलिए कांग्रेस शासित राज्यों में धारा 144 की कोई आवश्यकता नहीं है.”
देश की मौजूदा इकनॉमिक हालात पर दिग्विजय सिंह ने कहा, “निर्मला सीतारमण ने बताया कि ये स्लोडाउन है रिशेसन नहीं. मुझे अंतर नहीं पता, शायद वो बता पाएंगी. कोई भी निवेशक विश्वास की वजह से आता है और अभी विश्वास की कमी की वजह से अर्थव्यवस्था चरमरा रही है. दुनिया की इकनॉमी पर नजर रखने वाले IMF, मूडीज जैसे संस्थान ये बातें कह रहे हैं.”
उन्होंने साथ ही कहा कि GST को राज्य दर राज्य लागू किया जाता तो ये हालात नहीं होते.
दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि कॉरपोरेट टैक्स में छूट उन लोगों को दिया गया, जिनका 400 करोड़ से ज्यादा का टर्नओवर है. इसका फायदा 0.7% लोगों को होगा. इसमें भी मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को कोई फायदा नहीं होगा.
मध्य प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी पर बात करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा-
मध्य प्रदेश सरकार के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि कमलनाथ जी अच्छे घुड़सवार रहे हैं. सिंघम की तरह उभरकर सामने आए हैं.
दिग्विजय ने कमलनाथ पर बोलते हुए कहा- “उन्होंने माफिया के खिलाफ शुद्धता का युद्ध छेड़ दिया है. यहां फर्टिलाइजर और साबुन से दूध बन रहा बन रहा था और उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी. ऐसे कई काम हो रहे थे. अगर कमलनाथ ने ध्यान नहीं दिया होता तो ध्यान नहीं जाता. ब्यूरोक्रेट्स ने उन पर कार्रवाई की. जैसा घुड़सवार होता है वैसे ही ब्यूरोक्रेसी काम करती है.”
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)