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स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, गृहमंत्री अनिल देशमुख, मंत्री जयंत पाटिल, मंत्री छगन भुजबल और मंत्री राजेंद्र शिंगने. महाराष्ट्र सरकार के ये सभी लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. राज्य में जनता से लेकर नेता तक पर कोरोना अटैक कर रहा है. तो क्या महाराष्ट्र में कोरोना का सेकंड वेव आया है? क्या इस अटैक के पीछे कोरोना के किसी नए और विदेशी वैरिएंट का हाथ है? या फिर राज्य में कोरोना के मामलों में अचानक बढ़ोतरी के पीछे कोई और वजह है? लेकिन स्थिति कितनी गंभीर है, ये महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने खुद बताया है.
अब जबकि महाराष्ट्र में 'मिशन बिगिन अगेन' के साथ गाड़ी पटरी पर आ ही रही थी कि कोरोना मामलों में तेजी ने फिर से गाड़ी को ब्रेक लगा दिया. सबसे बड़ा चिंता का कारण ये है कि पहले अर्बन टू रूरल ट्रेंड देखा जा रहा था. लेकिन अब महाराष्ट के ग्रामीण इलाकों से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आ रहे है. और इसीलिए महाराष्ट्र के कोविड एडवाइजर डॉ.सुभाष सालुंखे इस ट्रेंड को देश लिए 'वार्निंग बेल' बता रहे है. लेकिन इसकी वजह क्या है? क्या कोई नया विदेशी कोरोना स्ट्रेन है?
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने भी ब्राजील या साउथ अफ्रील के स्ट्रेन महाराष्ट्र में मिलने की खबरों को गलत बताया है. महाराष्ट्र में मुम्बई, पुणे और नासिक जैसे शहरों के बाद विदर्भ के कुछ जिलों में भी कोरोना के मामले बढ़े हैं. दरअसल, पिछले एक हफ्ते में महाराष्ट्र के पॉजिटिविटी रेट ने 4% से 8% तक छलांग लगाई है, जो कि देश मे सबसे ज्यादा है.
इसके अलावा सीएम उद्धव ठाकरे ने कुछ दिनों के लिए सभी धार्मिक, सामाजिक और राजनैतिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी है. होटल्स, रेस्टोरेंट्स और शादी के हॉल्स पर नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर भारी फाइन लगाने के आदेश दिए है. स्कूल और कॉलेजेस शुरू रखने के अधिकार स्थानिक प्रशासन को सौंपे गए है. मुम्बई में हॉटस्पॉट्स बन रही हजारों सोसायटीज को सील किया जा रहा है. महाराष्ट्र को सतर्क रहने के लिए कहा गया.
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