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(वीडियो एडिटर - मोहम्मद इब्राहिम)
'कोरोना संक्रमण से 6 दिन के अंदर एक ही परिवार के 3 लोगों की मौत.' '13 वर्ष की लड़की के माता-पिता, दोनों की कोरोना से मौत.'
ये हेडलाइंस पुणे शहर की है जो अब देश का नया कोरोना हॉटस्पॉट बन चुका है. पुणे में कोरोना ने किस कदर पांव पसारे हैं इसका अंदाजा आप इसी से लगा लीजिए कि 28 अप्रैल को यहां महज 1174 मामले थे, लेकिन 15 जुलाई आते-आते ये तादाद हो गई 44202.
अब लौटते हैं उस परिवार पर जिसने 6 दिनों में 3 सदस्यों को खो दिया. ये तीनों भाई थे, पुणे के चिंचवाड़ इलाक़े में 18 लोगों की जॉइट फैमिली में रहते थे. 8 जुलाई को तीनों को अस्पताल में भर्ती किया गया था. जानकारी के मुताबिक तीनों का दूसरी बीमारियों का इतिहास था. परिवार का एक बेटा पहले कोरोना पॉज़िटिव हुआ. इसे से और दो भाइयों को संक्रमण हुआ. 12 जुलाई को सबसे छोटे भाई जिनकी उम्र 56 साल थी, उनकी मौत हो गई. दूसरे दिन सबसे बड़े भाई और 18 जुलाई को तीसरे भाई की भी अस्पताल में मौत हो गई.
चिंचवाड स्थिति अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि तीनों भाइयों को ऑक्सीजन पर रखा गया था जब अस्पताल में लाए गए थे, तभी से हालत खराब थी, परिवार के कुछ और लोग भी पॉजिटिव थे लेकिन अब ठीक हो गए हैं.
वही पिंपरी चिंचवाड़ की एक और घटना ने सभी को हिला कर रख दिया. यहां 13 साल की एक लड़की ने अपने माता-पिता को कोविड की वजह से खो दिया. पती पत्नी को YCM हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. पत्नी की अस्पताल में ही मौत हो गई. पति को ठीक होने के बाद छुट्टी दी गई थी लेकिन घर आने के कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई. ये सब कुछ 14 दिनों के अंदर ही हुआ. पति की मौत कोरोना से हुई है या नहीं इसकी पुष्टि अभी सामने आनी आई है.
मुंबई के बाद पुणे महाराष्ट्र का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. यहां भारी तादाद में इंडस्ट्री है. एजुकेशन हब है. ऐसे में पुणे का हॉटस्पॉट बनना पूरे महाराष्ट्र ही नहीं देश का भी आंकड़ा खराब कर रहा है. अचानक बढ़ते मामलो के देखते हुए यहां 23 जुलाई तक लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया है. लेकिन स्थानीय व्यापारी कह रहे हैं कि अगर अब लॉकडाउन बढ़ा तो कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के अलावा कोई चारा नहीं बचेगा.
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