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वीडियो एडिटर - संदीप सुमन
मणिपुर में पहली बार मार्च, 2017 में बीजेपी की सरकार बनी थी, उस सरकार को अब 4 साल पूरे हो चुके हैं. मणिपुर मे बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बीरेन सिंह का चार साल काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है. सरकार गिरने से बची हो या पत्रकारों पर NSA या UAPA के तहत केस दर्ज हुआ हो, या मणिपुर जाने के लिए देश के दूसरे हिस्सों में रहने वाले लोगों को इनर लाइन परमिट के जरिए इजाजत लेनी पड़ती हो. इन सारे सवालों के साथ द क्विंट ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से इंफाल में बात की.
बीरेन सिंह कहते हैं कि गठबंधन सरकार चलाना बहुत मुश्किल का काम है, लेकिन केंद्र सरकार से मदद और बीजेपी आलाकमान के भरोसे ने सरकार को बेहतर तरीके से चलाने में मदद की है.
बता दें कि मणिपुर के पत्रकार पॉजेल चाओबा को नए गठित किए गए टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइन्स एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स 2021 के तहत पुलिस ने नोटिस भेजा था, था. ये नोटिस चाओबा के संगठन द फ्रंटियर मणिपुर (TFM) के फेसबुक पेज पर आयोजित और अपलोड की गई एक ऑनलाइन बातचीत के लिए दिया गया था. वहीं इससे पहले भी एक पत्रकार को NSA के तहत जेल हुई थी,
जब क्विंट हिंदी ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से पत्रकारों के खिलाफ NSA और UAPA लगाए जाने के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “जो असल पत्रकार है उन्हें कुछ नहीं हुआ है, मणिपुर मे 100 पत्रकार होंगे लेकिन किसी को कुछ नहीं हुआ, लेकिन कुछ लोग जो पत्रकारिता के मूल से हटकर काम कर रहे हैं, उन्हें ही पकड़ा गया था, भारत के खिलाफ चीजों को छापा. और पूछने पर कहते हैं कि नहीं पता कि किसने छपने को दिया था .नए IT नियमों के तहत जिस पत्रकार को पुलिस ने जो नोटिस भेजा था वो तुरंत वापस ले लिया गया. राष्ट्र विरोधी काम नहीं होना चाहिए .”
बेरोजगारी के सवाल पर बीरेन सिंह ने कहा, मणिपुर रोजगार पर काफी काम कर रही है, स्टार्टअप के लिए स्कीम लाए हैं,लोन से लेकर दूसरे तरह से सरकार इंडस्ट्री को फन्डिंग का काम कर रही है.
बीरेन सिंह कहते हैं कि अब सरकार बचाने का काम तो हो गया है अब सत्ता में आना है वो भी किसी गठबंधन नहीं बल्कि अपने दम पर.
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