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पुरुष और महिलाएं, दोनों हस्तमैथुन या मास्टरबेशन करते हैं. कई बार लोग इसे लेकर शर्म महसूस करते हैं. इसलिए इन पर कम ही बात होती है. अगर होती भी है, तो दबी जुबां में आधी-अधूरी और नासमझी से भरी. जैसे, इससे शरीर कमजोर पड़ जाता है, नपुंसकता आने लगती है और भी कई मिथ इसे लेकर फैले हुए हैं.
लेकिन, ये बातें गलत हैं. मास्टरबेशन प्राकृतिक क्रिया है. इसका इस्तेमाल लोग अपनी शारीरिक संतुष्टि के लिए करते हैं.
हम इस टाॅपिक पर बात इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वेब सीरीज वायरल हो रही है, जिसका नाम है 'सेक्स की अदालत'. ये एक कोर्टरूम ड्रामा है, जिसमें कुछ किरदार वकील, जज, अभियुक्त बनकर सेक्स से जुड़े मिथ और धारणाओं पर बात करते हैं.
पाॅपुलेशन फाउंडेशन आॅफ इंडिया की ओर से ये सीरीज शुरू की गई है. इस सीरीज के एपिसोड में मास्टरबेशन, वर्जिनिटी, पॉर्नोग्राफी, मेंस्ट्रुएशन (माहवारी) जैसे मुद्दों पर बात की गई है.
सीरीज के इस एपिसोड में मास्टरबेशन को जुड़े मिथ के बारे में बात की गई है कि कैसे ये शरीर के लिए एक नाॅर्मल क्रिया है. इससे सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता. लेकिन कोई भी चीज हद से ज्यादा नुकसान करती है. वैसे ही मास्टबेशन भी है.
देखिए इस मुद्दे पर ये खास वीडियो.
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