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वीडियो एडिटर: मो. इब्राहिम
वीडियो प्रोड्यूसर: अनुभव मिश्रा, कौशिकी कश्यप
11 फरवरी को कांग्रेस का यूपी की राजधानी लखनऊ में बहुत बड़ा रोड शो हुआ. इससे किसकी नींद उड़नी चाहिए? किसको सबसे ज्यादा चिंता होनी चाहिए? पीएम नरेंद्र मोदी, अमित शाह या योगी आदित्यनाथ?
नहीं, ये तो बहुत ही जाहिर सा अनुमान है. मेरे विचार में जिसको सबसे ज्यादा चिंता होनी चाहिए वो मायावती जी हैं क्योंकि उन्होंने अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के साथ काफी भारी गठबंधन बनाया है. लेकिन जब मौका आया कांग्रेस को भी गठबंधन में खींचकर तीनों पार्टिंयों का ‘महागठबंधन’ बनाया जाए तो उन्होंने उसको रोक दिया. इस रोड शो से पहले उनका लाॅजिक था, शायद उसमें सच्चाई थी, सूझबूझ था. वो ये कि कांग्रेस की लीडरशिप यूपी में कमजोर है. कांग्रेस सक्रिय नहीं है. वो कभी भी अपना वोट बहुजन समाजवादी पार्टी को ट्रांसफर नहीं कर पाई है.
मायावती जी ये भी जानती हैं कि 2019 में जो भी रिजल्ट आए, उनकी बहुजन समाज पार्टी शायद हर स्थिति में सरकार में होगी. चाहे एनडीए का गठबंधन हो, चाहे यूपीए का गठबंधन हो, चाहे तीसरा फ्रंट यानी फेडरल फ्रंट का गठबंधन हो, उनकी पार्टी तीनों स्थिति में, तीनों सरकारों में एक सक्रिय भूमिका निभाएगी और लोगों का मानना है कि कम से कम मायावती उप-प्रधानमंत्री बनेंगी.
अब इस रोड शो के बाद लग रहा है कि कांग्रेस की स्थिति उत्तरप्रदेश में सुधर रही है. अब मुझे लगता है कि पीएम को हराने वाले अहम व्यक्ति का जो श्रेय है, वो मायावती से हटकर अखिलेश यादव के पास आ गया है. क्योंकि वो शायद मायावती जी से ज्यादा बेहतर समझते हैं कि कांग्रेस की स्थिति में जो थोड़ा सा सुधार हो रहा है, उससे एक नई पाॅलिटिकल केमिस्ट्री यूपी में पैदा की जा सकती है.
मेरा तो मानना है कि अखिलेश यादव को तुरंत मायावती जिन्हें वो प्यार से ‘बुआ’ भी बुलाते हैं, उन्हें कहना चाहिए कि मैं आपके पास आना चाहता हूं और ‘चाय पे चर्चा’ करना चाहता हूं. आपको ध्यान होगा कि ‘चाय पे चर्चा’ को पीएम मोदी ने कितना बड़ा पाॅलिटिकल मूव बना दिया था. अखिलेश यादव को अब यही करना चाहिए और इस ‘चाय पे चर्चा’ में इन्हें 10 राजनीतिक तथ्यों का एक बेहद ही जरूरी पावरपाॅइंट प्रेंजेंटेशन करना चाहिए अपनी ‘बुआ’ मायावती जी के लिए.
अखिलेश के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती 'बुआ' यानी मायावती को 'चाय पर चर्चा' (मोदी ने 2014 में चुनाव प्रचार के लिए इसका शानदार ढंग से इस्तेमाल किया था) के लिए मनाना है. उसके बाद वह उनके सामने नीचे दिए गए 10 पॉलिटिकल फैक्ट पेश करें:
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मुझे यकीन है कि अखिलेश यादव की बातें मायावती ध्यान से सुनेंगी और चाय की आखिरी चुस्की के साथ वह पूछेंगी, ‘कांग्रेस को वोट बीएसपी और एसपी को ट्रांसफर हो, यह आप कैसे पक्का करेंगे?’ अखिलेश बड़ी समझदारी से इसका यह जवाब देंगेः ‘जैसे हम और आप अपना वोट एक दूसरे को ट्रांसफर कराएंगे. जनता हमेशा ताकतवर और जीतने वाले नेताओं की सुनती है. पहले से उलट अब कांग्रेस के पास राहुल और प्रियंका हैं, जो अपने समर्थकों से कहेंगे कि अगर आप हमारे सहयोगियों के लिए वोट करेंगे तो असल में आप हमारे लिए वोट कर रहे होंगे. पहले कांग्रेस की बातों पर लोग भरोसा नहीं करते थे, लेकिन अब वे उस पर ऐतबार करेंगे.’ इस सवाल का मायावती क्या जवाब देंगी?
यह तो एक अरब वोट का सवाल है.
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Dear Akhilesh, Introduce Rahul and Priyanka to Deputy PM Mayawati
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