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#MeToo मूवमेंट के साथ महिलाएं अपनी बुलंद आवाज और हौसलों के साथ खुलकर खुद के साथ हुए सेक्सुअल हैरेसमेंट से जुड़ी घटनाएं लेकर सामने आ रही हैं. महिलाओं ने खुद जिम्मा लिया है अपने साथ हो रहे अत्याचारों और रूढ़िवादी सोच को खत्म करने का. चलिए इस बार का दशहरा इन बुलंद महिलाओं की शक्ति के साथ मनाते हैं जिन्होंने गलत चीजों और ‘राक्षसों’ के खिलाफ संग्राम छेड़ा है.
रावण Insecure है
भैया रावण Insecure है
उसको मिली है सूचना
अब नए रावणों का दौर है
बड़ी मूंछ से तनता था वो
अब चेहरे कई और हैं
रावण Insecure है, भैया
अबकी रावण Insecure है
जबसे उसने सीता मां को बिना Consent उठाया था
2500 साल, हर दशहरे, हमने गली मोहल्ले जलाया था
महाज्ञानी था, जानता था, कई चेहरों में वो छिपा रहेगा
Harassment अंदर-अंदर होगा, बाहर बस पुतला जलेगा
सुना है उसने अखबार पढ़कर अब ये जान लिया
कैसे एक एक्टर ने “ना- ना” को जबरन “हां” मान लिया
कैसे रसूख वाले बड़े Phantom बने फिरते रहे
कैसे चलते, फिसलते हाथ, आबरू पे गिरते रहे
कैसे हर घर दफ्तर में दबी एक कहानी है
कहीं पे हाथों की करतूत है, कहीं बस मुंह-जुबानी है
पर इस बार हर दुर्गा पे एक महाकाली सवार है
राक्षस का संहार करने #MeToo का हथियार है
राम नहीं, डर इसका है...
कि सीता ने छोड़ दिया करना Ignore है
रावण Insecure है भैया
अब रावण Insecure है.
स्क्रिप्ट: अभिनव नागर
कैमरा: अपूर्व राणे
कैमरा असिस्टेंट: गौतम शर्मा
एडिटर: आशीष मैक्यून
प्रोड्यूसर: दिव्या तलवार
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