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भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या पर शिकंजा कसने और उसे भारत वापस लाने के लिए लंदन की कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भारतीय अधिकारियों से तीन हफ्ते में मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर 12 का वीडियो सौंपने के लिए कहा . दरअसल, प्रत्यर्पण के बाद विजय माल्या को इसी जेल की बैरक नंबर 12 में रखने की योजना है.
सुनवाई के दौरान इसी बैरक की तस्वीरें कोर्ट में पेश की गई थीं, जिसके बाद माल्या के वकीलों की तरफ से दावा किया गया था कि भारत की जेलों की हालत अच्छी नहीं है. वहां नेचुरल लाइट नहीं आती है. इसी को लेकर लंदन के कोर्ट ने वीडियो क्लिप देने को कहा .
लेकिन क्या आर्थर रोड जेल की हालत इतनी खराब है कि यहां कैदियों का रहना मुश्किल है, माल्या की बात में कितना दम है, इस बात को जानने के लिए हमने आर्थर रोड जेल में कुछ दिन गुजार चुके कुछ लोगों से बात की.
महाराष्ट्र की पूर्व आईजी (जेल) मीरा बोरवनकर के मुताबिक, फंड और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी के बावजूद जेल साफ-सुथरी है और इसे अच्छे तरीके से चलाने की कोशिश की जाती है.
मुंबई कांग्रेस के दफ्तर में तोड़फोड़ के आरोप में एमएनएस नेता संदीप देशपांडे ने 6 दिन यहां गुजारे थे. उन्हें यहां न्यायिक हिरासत में भेजा गया था. संदीप ने द क्विंट से बातचीत में माल्या के दावों पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा,
पूर्व आईपीएस अधिकारी वाई पी सिंह के मुताबिक, भारत की जेलों में मानवाधिकारों का उल्लंघन न के बराबर होता है.
आर्थर रोड जेल 1926 में बनी मुंबई का सबसे पुरानी और बड़ी जेल है, जिसमें समय-समय पर बदलाव भी किए गए हैं. जेल में 2200 के करीब कैदियों की क्षमता है लेकिन सूत्रों के अनुसार मौजूदा वक्त में 3500 कैदी हैॉ. यानी 1300 कैदी ज्यादा हैं.
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