Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मुजफ्फरनगर दंगा | धर्म, राजनीति और एक शहर के जलने की कहानी

मुजफ्फरनगर दंगा | धर्म, राजनीति और एक शहर के जलने की कहानी

किसने बनाया मुजफ्फरनगर को मजहब की लड़ाई?

शादाब मोइज़ी
वीडियो
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(फोटो: शादाब मोइज़ी)
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(फोटो: शादाब मोइज़ी)

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वीडियो एडिटर- पूर्णेन्दु प्रीतम

“ये धर्म की लड़ाई नहीं थी. धर्म की लड़ाई तो बाद में बनी. राजनीतिक लोगों ने हमारा इस्तेमाल किया. हमारे बेटे सचिन और गौरव की मौत पर रोटी सेंंक-सेंककर सब नेता बन गए.” मुजफ्फरनगर दंगे में मारे गए गौरव के पिता रविंद्र सिंह ये बताते हुए भावुक हो जाते हैं. दंगों को अब पांच साल बीत चुके हैं, लेकिन उनके जख्म अब भी ताजा हैं.

रविंद्र को अपने बेटे को खोने का दर्द तो है ही साथ ही इस बात का भी अफसोस है कि उनके बेटे की मौत का नेताओं ने इस्तेमाल किया, जिससे पूरे मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगे हुए. बता दें कि 27 अगस्त 2013 को मुजफ्फरनगर के कवाल गांव से ही दंगे की शुरुआत हुई थी. जिसमें सचिन, गौरव और शाहनवाज के बीच हुआ झगड़ा दंगों की आग में बदल गया. दंगे को अब पांच साल बीत चुके हैं. क्विंट ने मुजफ्फरनगर पहुंच कर हालात का जायजा लिया.

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क्या है मुजफ्फरनगर के जलने की कहानी?

27 अगस्त 2013 की उस मनहूस घड़ी को याद करते हुए शाहनवाज के चाचा हाजी नसीम जल्दी-जल्दी उस जगह पर पहुंच जाते हैं, जहां से शुरू हुआ था मौत का खेल. हाजी नसीम बताते हैं कि कैसे शाहनवाज को लोगों ने घर से निकालकर मार दिया. हाजी नसीम के मुताबिक शाहनवाज की बाइक से गौरव की साइकिल की टक्कर हो गई थी. लेकिन गौरव इस लड़ाई का बदला लेने आठ लोगों के साथ आया था.

शाहनवाज को मारकर भाग रहे सचिन और गौरव को गुस्साई भीड़ ने गांव के अगले चौराहे पर घेर कर मार दिया.
इसी घर से शुरु हुई थी मौत की कहानी(फोटो: शादाब मोइज़ी/ क्विंट हिंदी)

वहीं दूसरी ओर सचिन और गौरव के घरवालों के मुताबिक शाहनवाज उनकी लड़कियों को परेशान करता था. गौरव के ताऊ तहिंद्र बताते हैं

छेड़खानी की शिकायत पर गौरव और शाहनवाज के बीच लड़ाई हुई. शाहनवाज ने गौरव की पिटाई की. जिसके बाद गौरव ने लड़ाई की बात सचिन को बताई. सचिन, शाहनवाज को समझाने गांव पहुंचा. जहां शाहनवाज ने सचिन को छुरी मारने की सोची. लेकिन सचिन ने शाहनवाज की छुरी से उसे ही मार दिया. छुरी मारने के बाद गांव के लोगों ने सचिन और गौरव को घेरकर वहीं खत्म कर दिया.
सचिन और गौरव की कवाल गांव में हुई थी हत्या.(फोटो: शादाब मोइज़ी/ क्विंट हिंदी)

इस हादसे के खबर धीरे-धीरे मुजफ्फरनगर में फैलने लगी. जिसके बाद इस पूरे मामले को कुछ लोगों ने धार्मिक रंग देना शुरू कर दिया.

बता दें कि इस मामले में अब दोनों परिवार कोर्ट में केस लड़ रहे हैं. सचिन और गौरव की हत्या के आरोप में शाहनवाज के परिवार के पांच लोग जेल में हैं. लेकिन शाहनवाज के परिवार का आरोप है कि सचिन-गौरव के साथ और भी लोग मारने आये थे लेकिन पुलिस ने उन्हें नहीं पकड़ा.

मासूमों की गई जान

मुजफ्फरनगर दंगे की एक खबर(फोटो: शादाब मोइज़ी/क्विंट हिंदी)

भले ही दोनों परिवार ने अपने बेटों को खोया हो, लेकिन इस एक हादसे की चिंगारी ने पूरे मुजफ्फरनगर को सुलगा दिया. दोनों ही परिवार इस बात से नाखुश है. गौरव के पिता कहते हैं

मासूम लोगों की हत्या नहीं होनी चाहिए थी. हम तो सोचते थे कि ये नेता हमारे हमदर्द हैं, लेकिन ये तो ऐसे ही निकल गए. हमारे बच्चे की लाश पर सब खेलते रहे और मासूम लोग मरते रहे.

फिलहाल दोनों ही परिवार कोर्ट में अपने-अपने इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे हैं.

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Published: 28 Aug 2018,06:43 PM IST

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