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कश्मीर टाइम्स की एडिटर अनुराधा भसीन की याचिका पर विचार करेगा SC

याचिका दाखिल कर मीडियाकर्मियों की रिपोर्टिंग के लिए आवाजाही की छूट देने की मांग की 

क्विंट हिंदी
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अनुराधा भसीन ने कहा-’घाटी में पत्रकारिता के लिए मुहैया कराएं वातावरण
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अनुराधा भसीन ने कहा-’घाटी में पत्रकारिता के लिए मुहैया कराएं वातावरण
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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वीडियो प्रोड्यूसर: अनुभव मिश्रा

वीडियो एडिटर: विवेक गुप्ता और संदीप सुमन

'कश्मीर टाइम्स' की एग्जीक्यूटिव एडिटर अनुराधा भसीन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करने को तैयार हो गया है. भसीन ने इस याचिका में घाटी में मीडियाकर्मियों और फोटो जर्नलिस्ट की रिपोर्टिंग के लिए आवाजाही की छूट देने की मांग की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस याचिका की जल्द सुनवाई पर विचार किया जाएगा.

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क्विंट ने अनुराधा भसीन से इस याचिका को लेकर बात की थी. हमने उनसे बात तब बात की थी, जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका दाखिल की थी.

“जम्मू कश्मीर में जो ऑर्गनाइजेशन चल रहे हैं, वो बड़े ऑर्गनाइजेशन नहीं हैं. हम सभी छोटे ऑर्गनाइजेशन हैं. हमारे पास सीमित आर्थिक साधन है और हम काफी तंगी वाले बजट के साथ काम करते हैं. जम्मू से बाहर की जानकारी पर हमारी निर्भरता ज्यादा है. हम इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के जरिये मिलने वाली जानकारी के सहारे होते हैं. लेकिन इस समय घाटी सहित राज्य के कई हिस्सों के साथ कोई कम्युनिकेशन नहीं हो रहा.”  
अनुराधा भसीन, एग्जीक्यूटिव एडिटर, कश्मीर टाइम्स

जम्मू-कश्मीर को लेकर विदेशी और भारतीय मीडिया के अलग-अलग मीडिया कवरेज पर भी भसीन ने अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि सच क्या है इसे सामने लाने के लिए सरकार को घाटी में मीडिया पर लगी पाबंदियों को हटा देना चाहिए.

“कुछ जर्नलिस्ट जम्मू कश्मीर जाने में कामयाब रहे और सीमित स्थान, जिसे सुरक्षित जगह मानी जा सकती है, वहां से रिपोर्ट कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उन्हें बाकी जगहों पर जाने की इजाजत नहीं दी गई थी. वो खुद ऐसा बता रहे हैं. अगर बीबीसी की रिपोर्ट झूठी है, जो संभव है तो हमें इसे अपनी आंखों से देखने दीजिए. अगर आप प्रतिबंध नहीं हटा रहे हैं तो कम से कम फोन लाइनों को खोलें. हम लोगों से बात करते हैं. लोगों को खुद कहने दीजिए कि वो आजाद हैं और बीबीसी झूठ बोल रहा है.”
अनुराधा भसीन, एग्जीक्यूटिव एडिटर, कश्मीर टाइम्स

अनुराधा भसीन की तरफ से ये याचिका 10 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी. याचिका में मोबाइल, इंटरनेट सहित लैंडलाइन जैसी तमाम संचार व्यवस्था को तत्काल बहाल करने की मांग की गई है.

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