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वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया
पॉपस्टार रिहाना, ग्रेटा थनबर्ग, मीना हैरिस, मिया खलीफ़ा, अमांडा समेत कई लोगों को किसान प्रदर्शन के समर्थन में ट्वीट करने पर आलोचना झेलनी पड़ी.उन्हें कहा गया कि वे भारत के आंतरिक मामलों से दूर रहें. ऐसे में क्विंट ने कुछ भारतीय कलाकारों से बात की और जानना चाहा कि इसपर उनकी क्या रहा है.
कवि इकरा के कहती हैं कि मानवाधिकार उल्लंघन कभी आंतरिक मामला नहीं हो सकता है. सिंघु बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे गीतकार एमी गिल कहते हैं कि इंटरनेट पूरी तरह से बंद कर दिया गया. सोशल मीडिया बंद हो चुका है. हमें कुछ नहीं पता चलता कि बाहर मीडिया हमारे बारे में क्या दिखा रहा और हम यहां (सिंघु बॉर्डर) से क्या दिखाना चाहते हैं. हमारे वीडियो बाहर जा नहीं रहे हैं.
रिहाना के ट्वीट के बाद उठ रही वैश्विक आवाजों के खिलाफ भारतीय सितारों ने भी 'एक आवाज' में ट्वीट किया. इसपर कवि असीम सुंदन कहते हैं कि ये इंडियन सेलिब्रिटीज का पाखंड ही है कि वो कह रहे हैं कि इंटरनेशनल आर्टिस्ट आतंरिक मामलों पर नहीं बोल सकते. वो भी ऐसे में जब ये मामले, मानवाधिकार से जुड़े हों.
असीम कहते हैं कि जो कलाकार अब बोल रहे हैं, ये ही कैपिटल हिल और ब्लैक लाइव्स मैटर जैसे मसलों पर खुलकर बोल रहे थे. तब उनको बोलना ठीक लग रहा था. हमें उन शोषितों के लिए आवाज उठानी चाहिए. जिन्हें ठंड में सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दिया गया है.
गायक पूजन साहिल कहते हैं कि कलाकारों को ये समझने की जरूरत है कि अब वो वक्त आ गया है जब उन्हें इन मुद्दों पर बात शुरू करनी चाहिए.
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