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आसनसोल हिंसा पर हिंदू और मुसलमान बता रहे हैं 2 अलग कहानियां

क्विंट ने दोनों समुदायों के लोगों से बात की और जानना चाहा कि आखिर उस दिन हुआ क्या था.

इशाद्रिता लाहिड़ी
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  पश्चिम बंगाल के आसनसोल में भड़की हिंसा में एक इमाम ने अपने 16 साल के बच्चे को खो दिया  
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  पश्चिम बंगाल के आसनसोल में भड़की हिंसा में एक इमाम ने अपने 16 साल के बच्चे को खो दिया  
(फोटो: PTI)

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क्विंट पहुंचा आसनसोल के चांदमारी और गुलजार मोहल्ले जैसे इलाकों में, जो कोलकाता से करीब 300 किलोमीटर दूर हैं. इन्हीं इलाकों में 28 मार्च 2018 को हिंदू और मुसलमानों के बीच सांप्रदायिक हिंसा फैली थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक ये हिंसा तब फैली जब रामनवमी के मौके पर इन इलाकों से एक जुलूस निकाला जा रहा था.

क्विंट ने दोनों समुदायों के लोगों से बात की और जानना चाहा कि आखिर उस दिन क्या हुआ था. हालांकि बातचीत में हमें 2 अलग-अलग घटनाक्रम सुनने को मिले.

‘हम तुमसे बात नहीं करेंगे वरना पुलिस हमें ले जाएगी’

चांदमारी जो कि हिंदू बहुल इलाका है, जब हम वहां पहुंचे तो ज्यादातर लोगों ने बात करने से मना कर दिया. लोगों का कहना है कि जो पत्रकारों से बात करता है, पुलिस उनका चेहरा टीवी पर देखकर उन्हें उठाकर ले जाती है.

उस दिन राम मंदिर से जुलूस शुरू हुआ था. अचानक दूसरे समुदाय के लोग हम पर पत्थर फेंकने लगे. फिर इधर से भी कुछ लड़के खुद का घर और मंदिर को बचाने के लिए पथराव करने लगे.
चश्मदीद, हिंदू

चांदमारी में लड़कों के एक ग्रुप ने क्विंट से बातचीत के दौरान कहा कि वो मीडियावालों से बात करने से डर रहे हैं. क्योंकि फिर पुलिस वाले टीवी पर उनका चेहरा देखकर उठा कर ले जाती है.

हम मीडिया से बात नहीं कर सकते. हमें अपनी जिंदगी से डर लगने लगा है. पुलिस और मुस्लिम लोग हमें परेशान करते हैं. पुलिसवाले हममें से कई लड़कों को उठाकर ले गए.
चश्मदीद, हिंदू  

‘हमसे जबरदस्ती जय श्री राम बोलने को कहा गया’

एक मुस्लिम कॉलोनी गुलजार मोहल्ला में लोगों ने हिंदू समुदाय के लोगों पर पहले हिंसा करने का आरोप लगाया. उनका कहना है कि पहले हिंदुओं ने उन्हें गाली दी और उनपर हमला किया.

हमने अपने लोगों को हिंदुओं के जुलूस को न रोकने के लिए और न ही कुछ बवाल मचाने के लिए कहा. जब तक कि हमारा कुछ नुकसान नहीं हो गया. पहले जुलूस में से किसी व्यक्ति ने हमें गाली दी, उन्होंने हमारी टोपी उतारकर “जय श्री राम” बोलने के लिए कहा. फिर उन्होंने हम पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए.
चश्मदीद, मुसलमान

वहीं एक मुस्लिम ग्रुप की महिलाओं ने बातचीत में कहा कि जिस वक्त रामनवमी का जुलूस निकल रहा था, वो अजान का समय था. ये जानबूझ कर नमाज और अजान में खलल डालने के लिए किया जा रहा था.

रामनवमी का जुलूस निकल रहा था. हमने उन्हें कम शोर मचाने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने और ज्यादा शोर मचाया. क्योंकि वो अजान का वक्त था, उन्होंने हम पर पत्थर फेंके. जवाब में हमने भी उनपर पत्थर फेंके. हम कमजोर नहीं हैं.
चश्मदीद महिला, गुलजार मोहल्ला

बता दें, 28 मार्च को हुई इस हिंसा में 3 व्यक्ति की जान चली गई और 60 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम

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Published: 01 Apr 2018,05:54 PM IST

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