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सरकार को अयोध्या की आस्था दिखती है, दलितों की नहीं: भीम आर्मी चीफ

रविदास मंदिर के तोड़े जाने के बाद भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था. इस विरोध प्रदर्शन में भीम आर्मी भी शामिल थी.

अस्मिता नंदी
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सरकार को अयोध्या की आस्था दिखती है, दलितों की नहीं: भीम आर्मी चीफ
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सरकार को अयोध्या की आस्था दिखती है, दलितों की नहीं: भीम आर्मी चीफ
(फोटो: शिव कुमार मौर्य)

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कैमरा: शिव कुमार मौर्य

वीडियो एडिटर: मोहम्मद इरशाद आलम

दिल्ली में रविदास मंदिर के तोड़े जाने के बाद भारी विरोध प्रदर्शन हुआ था. इस विरोध प्रदर्शन में भीम आर्मी भी शामिल थी. भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार कर लिया गया था. अब वो करीब 2 महीने बाद जेल से बाहर आए हैं, क्विंट ने उनसे रविदास मंदिर विवाद समेत कई मुद्दों पर खास बातचीत की.

चंद्रशेखर आजाद का कहना है कि बहुजन आंदोलन ही है जो पीएम मोदी को हरा सकती है. इस मौके पर चंद्रशेखर ने ये भी बताया कि उन्होंने BSP सुप्रीमो मायावती को चिट्ठी लिखकर अपील की थी कि वो साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ें.

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बहुजन आंदोलन काफी कमजोर था, अगर हमें उसे बचाना है तो मुझे लाखों बार झुकना होगा. मेरे लिए ये आंदोलन मेरे अपने सेल्फ इंटरेस्ट से बड़ा है या मेरे अहंकार से बड़ा है.
चंद्रशेखर आजाद, चीफ, भीम आर्मी

रविदास मंदिर के विवाद पर चंद्रशेखर आजाद कहते हैं कि केंद्र सरकार ने अयोध्या मामले में आस्था के साथ बढ़ने का फैसल लिया था. आस्था को देखते हुए ही ये फैसला आया लेकिन जहां दलितों की आस्था की बात होती है तो नजरंदाज किया जाता है. आजाद का कहना है कि इसका सबसे बड़ा उदाहरण रविदास मंदिर का तोड़ा जाना है.

राम मंदिर के मामले में न तो सरकार के पास कोई सबूत है न ही वकीलों के पास उसके होने का सबूत है. लेकिन ये लड़ाई काफी वक्त से जारी है, विश्वास की, आस्था की लड़ाई. दूसरी तरफ दलितों को उनकी पूजा करने की जगह से हटाया गया, सबूत भी मौजूद हैं जो सुप्रीम कोर्ट को दिए जा चुके हैं. अगर हम इसके लिए प्रदर्शन करते हैं तो हमें जेल में डाल देते हैं, इस तरह से सरकार बदला लेती है.
चंद्रशेखर आजाद, चीफ, भीम आर्मी

बता दें कि 9 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने तुगलकाबाद इलाके के जंगल की जमीन में बने मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर DDA ने इसे तोड़ दिया, जिसके बाद 21 अगस्त को दिल्ली में दलित समाज ने रविदास मंदिर तोड़े जाने के विरोध में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया. बाद में ये प्रदर्शन हिंसक हो गया था. प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा था.

22 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को उसी जगह पर फिर से मंदिर बनाने का आदेश दिया. केंद्र ने 400 वर्गमीटर की जमीन दी है, जिसपर मंदिर बनेगा.

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