बुलंदशहर हिंसा: सुबोध कुमार को याद कर आज भी फफक पड़ता है परिवार
पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का 45वां जन्मदिन 1 जनवरी को था और उनकी शादी की 25वीं सालगिरह 24 जनवरी को है.
कबीर उपमन्यु
न्यूज वीडियो
Updated:
i
null
(फोटो: क्विंट हिंदी)
✕
advertisement
वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया
कैमरा: अभिषेक रंजन, ईशा हुसैन
पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिवार के लिए जनवरी काफी अहम है. सुबोध का 45वां जन्मदिन 1 जनवरी को था और उनकी शादी की 25वीं सालगिरह 24 जनवरी को है.
सुबोध घर नहीं लौटे. उनकी जिंदगी 3 दिसंबर को थम गई, जब वे उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में चिंग्रावती पुलिस स्टेशन चौकी पर ड्यूटी कर रहे थे. तभी पास ही के गांव में कथित गोहत्या को लेकर हिंसा हुई और फिर भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. इसी में सुबोध की मौत हो गई.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
‘’वो गिफ्ट लेने और देने में विश्वास नहीं रखते थे. वो कहते थे- तुम आ गए, ये सबसे बड़ा गिफ्ट है. वो नहीं आए, तो जन्मदिन कैसा? हमारे यहां गिफ्ट मायने नहीं रखता था. बस एक फूल लेकर आते थे, कहते थे- मैं आ गया न! ये तुम्हारे लिए सबसे बड़ा गिफ्ट है. मैं कहती थी- हां, और कुछ नहीं चाहिए. ड्यूटी के वक्त टाइम नहीं मिलता था.’’
रजनी, सुबोध सिंह की पत्नी
लेकिन परिवार ने उनके जन्मदिन पर सोफे पर उनकी तस्वीर रखकर उन्हें पिछले एक महीने की पूरी कहानी सुनाई.
‘’जन्मदिन पर हमने उनकी तस्वीर सोफे पर रखी है. हमने उन्हें बताया कि पिछले महीने क्या किया. हम ये कहने की कोशिश कर रहे थे कि हम उनसे बस बात करना चाहते थे. मुझे लगता है कि वो एक दिन सपने में आकर कहेंगे- मैं भी ठीक हूं.’’
अभिषेक, सुबोध सिंह के बेटे
उनके आखरी शब्द थे, 'मैं सोने जा रहा हूं'
एक महीने बाद भी 3 दिसंबर की घटना को याद करके सुबोध का परिवार आज भी सहम जाता है. उनके बेटे अभिषेक का कहना है कि ये सब ऐसा है, जैसे कल ही की बात हो. उस वक्त अभिषेक की प्री-बोर्ड की परीक्षा चल रही थी और उनकी पत्नी रजनी ने उनसे 9:36 पर आखिरी बार बात की थी.
‘’मेरी इनसे फोन पर बात हुई थी. 9:36 पर तो इन्होंने थोड़ी ही बात की थी मुझसे, 2-3 मिनट कि ‘रजनी आज मैं बहुत थक गया हूं, आज मुझे SSP सर ने 4 बजे से जगा दिया है और मैं जाम खुलवा रहा हूं. सुबह 3 घंटे से पैदल चला, मेरी नींद भी पूरी नहीं हुई है’ ये आखिरी शब्द थे, ‘अच्छा रानी (रजनी) मैं सोने जा रहा हूं’’
सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी ने कहा कि वो इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनते देखना चाहतीं. वो कहती हैं, ''ये चीज गलत है, ऐसा नहीं करना चाहिए, अगर आपको हमारा साथ देना है, किसी भी राजनेता को हमारा साथ देना है, तो हमें न्याय दिलवाएं. ये नहीं कि विपक्ष पर आरोप लगाएं या इसे एक राजनीतिक मुद्दा बनाएं... आप समझते हैं, आगे कहना जरूरी नहीं है.''
(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)