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वीडियो एडिटर: पुनीत भाटिया
कैमरा: अभिषेक रंजन, ईशा हुसैन
पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के परिवार के लिए जनवरी काफी अहम है. सुबोध का 45वां जन्मदिन 1 जनवरी को था और उनकी शादी की 25वीं सालगिरह 24 जनवरी को है.
सुबोध घर नहीं लौटे. उनकी जिंदगी 3 दिसंबर को थम गई, जब वे उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में चिंग्रावती पुलिस स्टेशन चौकी पर ड्यूटी कर रहे थे. तभी पास ही के गांव में कथित गोहत्या को लेकर हिंसा हुई और फिर भीड़ ने उन पर हमला कर दिया. इसी में सुबोध की मौत हो गई.
लेकिन परिवार ने उनके जन्मदिन पर सोफे पर उनकी तस्वीर रखकर उन्हें पिछले एक महीने की पूरी कहानी सुनाई.
एक महीने बाद भी 3 दिसंबर की घटना को याद करके सुबोध का परिवार आज भी सहम जाता है. उनके बेटे अभिषेक का कहना है कि ये सब ऐसा है, जैसे कल ही की बात हो. उस वक्त अभिषेक की प्री-बोर्ड की परीक्षा चल रही थी और उनकी पत्नी रजनी ने उनसे 9:36 पर आखिरी बार बात की थी.
सुबोध कुमार सिंह की पत्नी रजनी ने कहा कि वो इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनते देखना चाहतीं. वो कहती हैं, ''ये चीज गलत है, ऐसा नहीं करना चाहिए, अगर आपको हमारा साथ देना है, किसी भी राजनेता को हमारा साथ देना है, तो हमें न्याय दिलवाएं. ये नहीं कि विपक्ष पर आरोप लगाएं या इसे एक राजनीतिक मुद्दा बनाएं... आप समझते हैं, आगे कहना जरूरी नहीं है.''
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