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साल का पहला चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2023) आज यानी शुक्रवार, 5 मई को लगने जा रहा है. यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा. इस ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होगा. वैशाख माह की पूर्णिमा तिथि पर लगने वाले इस चंद्र ग्रहण पर 130 वर्षों बाद दुर्लभ संयोग बनेगा, दरअसल 130 साल बाद बुद्ध पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण दोनों का संयोग बन रहा है.
यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 8 बजकर 44 मिनट से लेकर मध्य रात्रि करीब 1 बजकर 2 मिनट तक रहेगा. इस चंद्र ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 15 मिनट की होगी. ज्योतिष के अनुसार, ये ग्रहण तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगेगा.
यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. ग्रहण ना दिखाई देने की वजह से यहां सूतक काल भी नहीं लगेगा. सूतक काल ना लगने की वजह से यहां पूजा-पाठ या किसी भी धार्मिक कार्यों पर रोक नहीं रहेगी.
सूर्य की परिक्रमा के दौरान जब पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच में आ जाती है तब चंद्रग्रहण लगता है. असल में चंद्र ग्रहण तीन तरह के होते हैं. पूर्ण चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण. बता दें कि साल का पहला चंद्र ग्रहण उपछाया है. जिसका मतलब है कि पृथ्वी पर चंद्रमा की छाया न पड़कर, उपछाया मात्र पड़ती है. यानी एक धुंधली-सी छाया नजर आती है.
साल 2023 का दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को लगेगा. यह आंशिक चंद्रग्रहण होगा, जो ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और एशिया के क्षेत्रों में देखा जा सकता है.
बता दें कि इस साल कुल चार ग्रहण पड़ेंगे, जिनमें दो सूर्य और दो चंद्र ग्रहण शामिल हैं. पहला सूर्य ग्रहण, एक संकर सूर्य ग्रहण, 20 अप्रैल को हुआ था. 14 अक्टूबर को दूसरा सूर्य ग्रहण होगा, जो वलयाकार होगा. 5 मई को उपछाया चंद्र ग्रहण होगा, जो साल का पहला होगा. वहीं, अगला चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर को आंशिक चंद्र ग्रहण लगेगा, जो साल का आखिरी ग्रहण होगा.
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